उप मुख्यमंत्री और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मंत्रिपरिषद् समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने आज बताया कि जीएसटी के तहत डिजिटल लेन-देन पर कर में दी जाने वाली दो प्रतिशत रियायत को फिलहाल लागू नहीं करने की अनुशंसा की गई है। श्री मोदी ने नई दिल्ली में बताया कि उनकी अध्यक्षता में दो मंत्रि समूहों की हुई बैठक में जीएसटी के तहत डिजिटल लेन-देन पर कर में दी जाने वाली दो प्रतिशत की रियायत और एक ट्रांजेक्शन पर अधिकतम 100 रुपये की छूट को फिलहाल लागू नहीं करने की अनुशंसा की गई है।
अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में जीएसटी के तहत रिवर्स चार्ज पर निर्णय का अधिकार भी जीएसटी परिषद् को सौंपने की सिफारिश की गई है। उन्होंने बताया कि इस पर 21 जुलाई को नई दिल्ली में होने वाली परिषद् की बैठक में निर्णय लिया जायेगा। श्री मोदी ने बताया कि आने वाले दिनों में डिजिटल लेन-देन से राजस्व संग्रह में वृद्धि हो सकती है लेकिन तत्काल 12 हजार करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है। उन्होंने बताया कि नई विवरणी आने और इस साल के राजस्व संग्रह में स्थायित्व के बाद भविष्य में डिजिटल लेन-देन पर कर में दी जाने वाली दो प्रतिशत की रियायत और एक ट्रांजेक्शन पर अधिकतम 100 रुपये की छूट पर विचार किया जा सकता है।
श्री मोदी ने बताया कि जीएसटी अधिनियम की धारा 9 (4) को समाप्त कर जिसके तहत यदि कोई निबंधित व्यापारी अनिबंधित व्यापारी से सेवा या माल प्राप्त करता है तो निबंधित व्यापारी को रिवर्स चार्ज के तहत कर का भुगतान करना होगा, जिसे फिलहाल 30 सितम्बर तक स्थगित रखा गया है को मंत्री समूह ने कब, किन शर्तों के साथ, किस डीलर समूह पर रिवर्स चार्ज लागू किया जाए का अधिकार जीएसटी परिषद् को सौंपने की अनुशंसा की है। श्री मोदी ने बताया कि मंत्री समूह की इन दोनों अनुशंसाओं पर जीएसटी परिषद् की अगली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जायेगा।