उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने छह माह के कार्यकाल में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य का तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग ने पिछले छह महीने में कई योजनाओं को पूरा किया है और कई नयी निर्माण योजनाओं की शुरुआत की है। सरकार निर्माण कंपनियों को पूरी सुरक्षा मुहैया करा रही है और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर सर्वाधिक जोर दिया जा रहा है। इसके साथ निर्धारित समय सीमा में कार्य को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
छह माह का लेखा-जोखा पेश किया
पटना में विभागीय कार्यों की चर्चा करते हुए पत्रकारों से उन्होंने कहा कि बिहार रोड मास्टर प्लान 2035 के तहत सरकार सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने और पुल-पुलियों के निर्माण के लिए सर्वे करा रही है। इसका मकसद राज्य भर में आवागमन को सुगम, गतिशील और निर्बाध बनाना है। सर्वे के लिए विदेशी कंपनी को अधिकृत किया गया है। मास्टर प्लान का शुरुआती लक्ष्य 2020 तक राज्य के किसी भी दूरस्थ हिस्से से पटना पहुंचे की अवधि पांच घंटा करना है। इसके लिए मुख्यमार्गों को सुदृढ़ और सुगम बनाना जरूरी है। प्रथम चरण के लिए 9200 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है।
श्री यादव ने कहा कि वर्ष 2015-16 में 1700 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया, जिसमें पिछले छह महीनों में 1000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया गया। केंद्र सरकार पर बिहार की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में पूरे देश में 6000 किमी एनएच का चौड़ीकरण किया। इसमें मात्र 120 किमी बिहार में काम हुआ, जो कुल कार्य का मात्र 2 प्रतिशत है। जबकि कुल एनएच का 5 फीसदी हिस्सा बिहार से होकर गुजरता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष पैकेज के तहत तीन पुलों महात्मा गांधी सेतु के समानांतर 4 लेन पुल, कोसी नदी पर फुलौत के नजदीक एनएच 106 पर पुल और सोन नदी में पांडुका में पुल बनाने की घोषणा की थी। लेकिन इस दिशा में सिर्फ डीपीआर बनाने की निविदा से आगे कार्रवाई नहीं हो पायी है।