दिल्ली चुनाव से आये राजनीतिक तूफान का क्या असर दिखा रहा है, आप जानना चाहेंगे? तो आइए देखिए फैसबुक के स्टेटस. हमने दर्जनों चुनिंदा स्टेटस को यहां आपके लिए जमा किया है.
राकेश तिवारी-दिल्ली की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की यह बात मान ली कि पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएं। जनता को बधाई। गड़बड़ सिर्फ़ यह हुई कि प्रधानमंत्री ने देश में झाड़ू लगवाया और जनता ने समझ लिया कि उनका चुनाव चिन्ह बदल कर झाड़ू हो गया।
ममता कश्यप- इस वैलेनटाइन डे पर फूलों के बजाये झाडू गिफ्ट कीजिए, फूल से आस्थामा का खतरा है
नवल शर्मा, जद यू लीडर- न महँगा सूट काम आया न औरतों जैसा सिंगार – पटार ,,,,,काम आया वही सस्ता वाला मफलर और वैगन आर ”
संजय तिवारी-आप को 62+ सीटों का मतलब सीधे- सीधे मोदी को खारिज करना है, बड़ी ईमानदारी से यह मान लेना चाहिये कि केजरीवाल की नवसिखिया टीम, मोदी की एक्सपर्ट टीम पर भारी पड़ी (अब भाजपाई भी अपने आप को कांग्रेसियों की तरह जस्टीफाई करने लगे तो ये उनकी अँधभक्ति ही होगी)….. जनता की जय हो.…
सुशील कुमार- जनता हिसाब लेना जानती है, मंविद पात्रा कहां हैं
विवेकानंद भारती-दिल्ली की राजनीति का जीव विज्ञान कहता है कि भाजपा अबतक पूरी तरह से कांग्रेस संक्रमण से ग्रस्त हो चुकी है।वहीँ दिल्ली का ऑटोरिक्शा चालक गाँव के किसी ग्रेजुएट से ज्यादा पोलटिकली डेवलप्ड प्रजाति बन चूका है।
तबस्सुम फातिमा- जीत का दिन है। आज सांप्रदायिकता की मौत का दिन है, आज नफरत के पतन का दिन है।
मोदी की हार हुई। दंगों के मास्टरमाइंड अमित शाह की हार हुई। आज योगी आदित्यनाथ और साक्षी महाराज जैसों की खतरनाक विचार धारा की हार हुई। आज लवजिहाद और घर वापसी जैसे नारों की हार हुई। आज दिल्ली जीती। आज भारत जीता। आज मीडिया जीता। मीडिया की वापसी को सलाम, भारत की लोकतांत्रिक जनता को सलाम, दिल्ली को सलाम, जिसने घृणित और भयानक अध्याय का अंत किया। भारत के 68 वर्षाें के इतिहास में आज का दिन नफरत पर प्रेम की विजय के नाम से याद किया जाएगा। केजरीवाल को सलाम, आम आदमी पार्टी को सलाम। आम आदमी को सलाम। नफरत और धर्म की राजनीति का अंत हुआ। आरएसएस की धार्मिक राजनीति अपने अंजाम को पहुंचेगी। यह समय मोहब्बतों के नाम है। मोहब्बतों के जश्न के नाम है
वसीम अकरम कुरैशी– वो छप्पन इंच भी सिकुड़ गया, बेदी का तिलिस्म भी बिखर गया । तेरे नौलखिया परिधानों को, दो टकिया मफलर निगल गया ।#5 साल केजरीबाल
अरुण कुमार, वरिष्ठ पत्रकार- दिल्ली की जीत किसी की विजय कम प्रतिरोध की जीत ज्यादा है…….गरीब विरोधी कार्पोरेट पक्षी नीतियों का प्रतिरोध, प्रतिगामी सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति का प्रतिरोध, जन विरोधी राजनीतिक संस्कृति का प्रतिरोध, भ्रष्टाचार की राजनीति की संस्कृति का प्रतिरोध, उम्मीद है यह संस्कृति पूरे देश में फैलेगी…..बहुत बड़ी जिम्मेवारी आम आदमी पार्टी के उपर आन पड़ी है…
कृष्ण मोहन मिश्रा-10 लाख के हुट पर 32 रुपए का मफलर भारी पड़ा।
सैयद उमर अशरफ-चौरसिया पगला गया है..इंडिया टीवी नहीं आ रहा
जब अहंकार ज्यादा हो जाये तो उसका एक बार टूटना अच्छा ही होता है। हैशटैग मोदी
केशव कुमार-होता है…चलता है…लोकतंत्र है।
जनता जनार्दन की जय…।।
पुर्णेंदु कुमार-मीडिया रिपोर्ट्स भी बनी बीजेपी की हार की वजह ।
शाहिद परवेज-अमित शाह और मोदी से सवाल- तू इदर उदर की न बात कर, बता के काफिला क्यों लुटा
कुलदीप मिश्रा-‘नक्सलवादी’ और ‘जंगल जाने के योग्य’ अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत की बधाई दी है और चाय पर बुलाया है.
शिल्पी चौधरी-तू इधर उधर की न बात कर……बस ये बता कारवां कैसा लुटा.?????……मोदी जी बोल बचन महंगे पड़े…….नेगेटिव कैंपेनिंग आप से भले तो मनमोहन थे कम बोल कर इतने साल निकाल ले गए…… गरीबों की राजनीति जगुआर और 10 लाख के सूट से नही होती..
मशकूर आलम- दिल्ली विधानसभा के क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया (आप) और बरमूडा (बीजेपी) के बीच के मैच का स्कोर मज़ेदार हो गया है
राजेंद्र तिवारी– नीतीश राहत में ज़रूर होंगे लेकिन क्या वह कोई सबक़ लेंगे दिल्ली के मैंडेट से या अपने सर्वज्ञानी होने के अहंकार में और डूब जायेंगे?
अनुपम राहुल राज- दिल्ली मे BJP के साथ वोट जिहाद हो गया
जेय सुशील– सॉरी महाबली…..
असित नाथ तिवारी- मोदी जी आप हार गए, यकीन मानिए दिल्ली की हार आपकी हार है, आपकी ब्रांडेड इमेज को कॉमन मैन ने दरकिनार कर दिया. मोदी जी पिछले नौ महीनों में देश ने आपको बहुत बदलते हुआ देखा. जब आप प्रघानमंत्री का चुनाव लड़ रहे थे तब आप चाय बेचने वाले की इमेज ढो रहे थे, जब आप प्रधानमंत्री बन गए तब आप बराक का मित्र और 15 लखिया सूट पहनने वाले हो गए. मोदी जी ये हार आपकी ही हार है. कांग्रेस की राह पर भाजपा को आपने ही धकेला. वहां अहमद पटेल के दिमाग़ से सोनिया गंधी जी की अक्ल चलती है आपके यहां अमित शाह के दिमाग़ से आपकी अक्ल चलने लगी है
कामरान असद– दिल्ली के नतीजो से साबित हो गया क़ि जनता ही जनार्दन है वो हीरो को जीरो और जीरो को हीरो बना देती है।
अशरफ खान- ये गरुर अच्छे अच्छों को डुबा देता है.
पारुल जैन- ताक़त और हिम्मत की लड़ाई में हिम्मत जीत गयी।
नदीम– साहेब भाइयों और बहनों जो दिल्ली का मूड है, वही देश का मूड है
दीपक मंडल– बाराक के बाद अब मोदी के संग नक्सली भी चाये पियेंगे.
मुकेश कुमार- भाजपा कार्यालय से महामृत्युंजय जाप की आवाज आ रही है.नक्सलियों का दिल्ली पर कब्ज़ा हो गया,साहेब!!!!. आपका नसीब नहीं था किरन मुख्यमंत्री बने.नसीबजादा.दिल्ली के लोगों ने न रामजादा को चुना न नसीबजादा को उन्होंने जीता @#$जादा को.”नो एरोगेंस नेवर इन पोलिटिक्स.
समी अहमद- यह आम आदमी के लिए बहुत बुरा हुा. भाजपा मजबूत विपक्ष भी नहीं बन पायी
प्रभात रंजन झा– अति महत्वपूर्ण चुनाव का महत्वपूर्ण नतीजा…. ये साफ़ दर्शाता है की जनता भुलावे में नहीं राखी जा सकती. जमीनी स्तर के मुद्दे नकारात्मक प्रचार पर भारी पड़ा. भारतीय जनता पार्टी को आत्म-मंथन की जरुरत है. लोकतंत्र में नेता बड़ा नहीं होता जनता बड़ी होती है.
अब्दलु समद- काम ना आया बेदी का आधार , अब की बार जूते पड़े यार।
अमित्रजीत सिंह- दिल्ली में आप की जीत ने बिहार की ताजा राजनीत को प्रभावित करेगा नीतिश कुमार को इसका लाभ मिलेगा अब बी जे पी कोई गलत कदम नहीं उठाएगा
अमिष श्रीवास्तव- क्या यह केंद्र के खिलाफ एंटी एंकम्बेंसी मूड की शुरुआत है या फिलहाल ऐसा कहना जल्दबाजी है?
अभिषेक केशव- मैं इस नतीजा का सम्मान करता हूं. भाजपा को सबक लेने और आम आदमी से जुड़ने की जरूरत है. बंगाल और बिहार के चुनावों के मद्देनजर इसे फिर से लोगों से जुड़ना होगा.
विश्नु राजगढ़िया-अडानी-अम्बानी पर आम आदमी की जीत. गोडसे पर गाँधी की जीत. वीआईपी कल्चर के खिलाफ, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए, स्वराज और सुशासन के लिए.
उम्मीद है कि हनीमून का वक़्त नहीं माँगा जायेगा, हर दिन कोई नया सन्देश लायेगा.
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