भाजपा नेता नरेंद्र मोदी ने दशकों तक चुप रहने के बाद शपथ पत्र में स्वीकार किया है कि यशोदा बेन उनकी पत्नी हैं लेकिन रामबिलास पासवान तो अभी तक अपनी पहली पत्नी के बारे में सच छुपा रहे हैं.
विनायक विजेता
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार व गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ोदरा से लोकसभा प्रत्याशी के रुप में दाखिल अपने शपथ पत्र में अपने को शदीशुदा बताते हुए अपनी पत्नी का नाम क्या उजागर कर दिया कि राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा हो गया।
नरेंद्र मोदी ने सच क्या बोला या लिखा कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने इसे मुद्दा बना लिया है लेकिन रामबिलास पासवान के बारे में कोई सवाल नहीं कर रहा है.
नरेन्द्र मोदी ने तो सच लिखने का साहस भी किया पर देश में कई ऐसे नेता हैं जो हिन्दू विवाह अधिनियम के विपरित जाकर पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर रखी है पर चुनाव के वक्त दायर शपथ पत्र में वो पहली पत्नी का जिक्र नहीं करते।
गौरतलब है कि इसी को आधार मानकर वर्ष 2011 में पटना हाइकोर्ट ने सांसद मंगनीलाल मंडल की सांसदी खत्म करने का निर्देश दिया था जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया। पहले भाजपा और बाद में कांग्रेस सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में केन्द्रीय मंत्री की भूमिका निभा चुके लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान भी इसके उदाहरण हैं।
रामविलास पासवान ने दो शादियां कर रखी हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम राजकुमारी देवी है जिनसे रामविलास पासवान को दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। रामविलास ने पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही पंजाबी महिला रीना से दूसरी शादी की जिनसे उन्हें चिराग पासवान के रुप में पुत्र हैं।
रामविलास पासवान ने लोकसभा या राज्यसभा चुनाव के लिए अबतक जितने भी शपथ पत्र दायर किए उसमें रीना पासवान और चिराग पासवान का ही नाम ही उनके आश्रित या उत्तराधिकारी के रुप में है। कभी भी उन्होंने खगड़िया जिला के शहरबन्नी स्थित अपने घर मंत्री जी का टोला में लगभग नजरबंद अपनी पहली पत्नी राजकुमारी देवी की चर्चा नहीं की।
जबकि अलौली विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या-5 के मतदाता सूची के क्रमांक 606 में राजकुमारी देवी एवं 607 में रीना पासवान का नाम रामविलास पासवान की पत्नी के रुप में दर्ज है।
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी यह सवाल रामविलास से क्यों नहीं पूछते कि उन्होंने पहली पत्नी रहते दूसरी शादी क्यों की और एक पत्नी और महिला को उसके अधिकारों से वंचित क्यों रखा। रामविलास द्वारा 2010 में हुए राज्यसभा के चुनाव में दाखिल शपथ-पत्र में भी पहली पत्नी राजकुमारी देवी या उनकी संपत्ति की कोई चर्चा नहीं है जो चुनाव आयोग के निर्देशों के खिलाफ है।
अब देखना यह है कि हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले रामविलास इस बार अपने नामांकन में दाखिल करने वाले शपथ-पत्र में पहली पत्नी औश्र नकी संपत्ति की चर्चा करते हैं या नहीं।
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