राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने राज्य मानवाधिकार आयोग की तर्ज पर राज्य कर्तव्य आयोग के गठन का सुझाव देते हुए आज कहा कि नागरिकों में अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के अनुपालन के प्रति दायित्व-बोध विकसित करना भी जरूरी है।
श्री कोविन्द ने बिहार मानवाधिकार आयोग के तत्वावधान में स्थानीय अधिवेशन भवन में आयोजित ‘अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस समारोह’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक के मानवाधिकारों का संरक्षण सरकारों का प्रमुख दायित्व होता है। यह तभी संभव है जब सरकार के विभिन्न प्रशासनिक तंत्र, जो विभिन्न प्रकार के कानून, नीतियों, नियमों, कल्याणकारी योजनाओं इत्यादि का कार्यान्वयन करते हैं, वे इन्हें प्रभावकारी ढंग से एवं लगनशीलता से लागू करें। संवेदनशील, पारदर्शी एवं कल्याणकारी शासन ही मानवाधिकारों का संरक्षण कर सकता है। सरकार की सभी प्रशासनिक संस्थाओं को इसे ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने के साथ-साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने ‘बिहार मानवाधिकार आयोग’ की तरह ‘राज्य कर्तव्य आयोग’ के गठन का भी सुझाव दिया, जो संविधान में वर्णित नागरिकों के प्रमुख कर्तव्यों के प्रति जन-जागृति पैदा करें। उन्होंने कहा कि नागरिकों में अपने कर्तव्यों के अनुपालन के प्रति दायित्व-बोध विकसित करना भी बहुत जरूरी है। श्री कोविंद ने कहा कि प्राइमरी, सेकेण्डरी एवं उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में ‘मानवाधिकार’ विषय पर एक माड्यूल शामिल किया जाना चाहिए। राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं से संपर्क कर, इसे सुनिश्चित कराया जाना चाहिए और इस दिशा में बिहार मानवाधिकार आयोग का सहयोग प्राप्त करना चाहिए।