दुर्गाशक्ति नागपाल के बहुचर्चित निलंबन के बाद केंद्र सरकार अब ऐसा नियम बनाने पर विचार कर रही है कि अब किसी आईएएस अधिकारी को निहित स्वार्थ के लिए निलंबित या ट्रांस्फर न किया जा सके.
उत्तर प्रदेश की आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को बालू माफिया के खिलाफ कथित रूप से कार्रवाई करने से परेशान यूपी सरकार ने निलंबित कर दिया थ. इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने राज्य से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की थी.
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- हम अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1969 में संशोधन पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं ताकि किसी अधिकारी को निहित स्वार्थ के कारण प्रताड़ित न होना पड़े और प्रशासनिक कार्य के निपटारे में कोर् रुकावट न आ सके.
इस संबंध में यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी. दुर्गा के निलंबन को जायज ठहराते हुए यूपी सरकार ने दावा किया था कि दुर्गा ने रमजान में एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिरवा दी थी जिसके कारण साम्प्रदायिक वैमनस्य बढ़ा था. हालांकि मीडिया की खबरों में बताया गया था कि दुर्गा का निलंबन बालू माफिया के दबाव में यूपी सरकार ने किया था.