नीतीश कुमार ने सधी हुई रणनीति के तहत तमाम कयासों को दर किनार करते हुए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री चुन लिया है.
जीतन राम बिहार सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण मंत्री थे. सोमवार शाम नीतीश कुमार ने मांझी के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल को अपने निर्णय से अवगत कराया। जद (यू) विधायक दल ने नीतीश को ही अगला मुख्यमंत्री का नाम तय करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
मांझी ने बचपन में बाल मजदूरी की, फिर कई दफ्तरों में क्लर्की करने के बाद राजनीति में आए और मंत्री बने।
नए मुख्यमंत्री के रूप में मांझी के नाम का ऐलान करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने अपने अंतर्मन की आवाज सुनी। यह बात समझी जानी चाहिए। मैंने किसी भावावेश में नहीं, बल्कि सोच-समझ कर इस्तीफा दिया है।’
गौरतलब है कि आम चुनाव में अपनी पार्टी को मात्र दो सीटें मिलने से हतप्रभ नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जद(यू) विधायक दल ने रविवार को फिर से उन्हें ही नेता चुना, लेकिन नीतीश नहीं माने। सोमवार को दोबारा बैठक हुई, जिसमें पार्टी विधायकों ने नीतीश को ही नया नेता तय करने की जिम्मेदारी सौंपी
जीवन सफर
गया जिले के महकार गांव में एक मजदूर परिवार में 6 अक्टूबर 1944 को हुआ. पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण खेतिहर मजदूर पिता ने उन्हें जमीन मालिक के यहां काम पर लगा दिया. वहां मालिक के बच्चों के शिक्षक के प्रोत्साहन और पिता के सहयोग से सामाजिक विरोध के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरू की. उन्होंने सातवीं कक्षा तक की पढ़ाई बिना स्कूल गए पूरी की.
बाद में उन्होंने हाई स्कूल में दाखिला लिया और 1962 में सेकेंड डिवीजन से मैट्रिक पास किया. 1966 में गया कॉलेज से इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की. परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए आगे की पढ़ाई रोक कर उन्होंने एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी शुरू कर दी और 1980 तक वहां काम किया. उसी वर्ष नौकरी से इस्तीफा देने के बाद वह राजनीति से जुड़ गए.