नीरज कुमार जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एंव राजनीतिक शोध संस्थान के निदेशक के ओएसडी बनाये गये हैं.शोध व पत्रकारिता से जुड़े रहे नीरज की नियुक्ति का निदेशक श्रीकांत ने स्वागत किया है.
नौकरशाही डेस्क
अपने करियर की शुरुआत नीरज ने पत्रकारिता से की थी लेकिन अब वह पिछले डेढ़ दशक से बिहार सरकार में अफसर हैं. संसदीय अध्ययन एंव राजनीतिक शोध संस्थान ने नीरज के शोध अध्ययन में रूचि, पत्रकारिता का अनुभव और पब्लिक रिलेशन में उनकी काबलियत के आधार पर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. संस्थान के निदेशक श्रीकांत का कहना है कि नीरज की काबलियत का लाभ संस्थान को मिलेगा.
गौरतलब है कि जगजीवन राम संसदयी अध्ययन एंव राजनीतिक शोध संस्थान बिहार सरकार के अधीन संस्थान है जो राजनीतिक रिसर्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
इस पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद नीरज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वह अपनी योग्यता के अनूरूप संस्थान की हर संभव सेवा करेंगे.
करियर
नीरज ने 1995-96 में इंडियन इस्टिच्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की उपाधि ली. अध्ययन समाप्त करने के बाद उन्होंने पटना से प्रकाशित दैनिक हिन्दुस्तान और प्रभात खबर में सब एडिटर के तौर पर पर काम किया. कुछ समय काम करने के बाद उनका चयन बिहार सरकार मे बतौर अधिकारी हो गया. लेखन और शोध के प्रति गहरी रूचि के कारण नीरज ने, हालांकि पत्रकारिता नहीं छोड़ने का मन बना रखा था. लेकिन आर्थिक सुरक्षा व पारिवारिक दबाव के आगे उन्हें झुकना पड़ा और आखिरकार उन्होंने सक्रिय पत्रकारिता छोड़ दी. हालांकि बिहार सरकार में ज्वाइन करने के बावजूद नीरज के लेखन और शोध का काम जारी रहा. वह फिलवक्त बिहार स्टेट प्लानिंग बोर्ड में विभिन्न आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर शोध के काम में लगे हैं.
पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि रखने वाले नीरज को बिहार सरकार के राजभाषा विभाग ने उनकी क्रियेटिव राइटिंग को स्वीकार करते हुए 1995 में सम्मानित किया. इसके अलावा नीरज को बिहार राष्ट्रभाषा परिषद ने 2010 में सम्मानित किया.
जगजीवन राम संस्थान से जुड़ने के बाद नीरज को अनेक लोगों ने शुभकामनायें देते हुए उम्मीद जतायी है कि संस्थान में शोध और अध्ययन के काम में और तेजी आयेगी.
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