नोटबंदी के आठवें दिन अब पटना के अनेक बैंकों में नये रुपये नदारद हो गये हैं जबिक दूसरी तरफ सरकार ने नोट बदलने की सीमा 4500 से घटा कर 2000 कर दी है. नोटों की मांग और आपूर्ति में भारी कमी के बाद समस्यायें और गंभीर होने लगी हैं.
हालांकि अनेक एटीएम में भीड़ कम हुई है पर बैंकों में कैश की कमी के काऱण ग्राहकों को खाली हाथ जाना पड़ रहा है. उधर पुराने नोटों को बदलने की सीमा को एक बार फिर घटाकर शुक्रवार से एक दिन में सिर्फ 2000 रुपए कर दिया गया है.
पहले यह सीमा साढ़े चार हजार रुपये थी. आर्थिक मामलों के सचिव अन्य नियमों में सरकार ने शादियों के जारी मौसम को देखते हुए दूल्हा, दुल्हन या उनके माता-पिता को बैंक खाते से ढाई लाख रुपये तक नकदी निकासी की अनुमति दी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कृषि उत्पादन विपणन समितियों में पंजीकृत व्यापारी सामान्य उपज प्रक्रिया के लिए 50,000 रुपये प्रति सप्ताह तक की धनराशि बैंक खातों से निकाल सकते हैं. दास ने कहा, “कृषि एक महत्वपूर्ण घटक है.
अभी रबी फसल का सीजन शुरू हुआ है. हम किसानों के लिए उर्वरकों और अन्य सामानों की सहज आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहते हैं.”
उधर पटना के अनेक बैंकों में 16 नवम्बर के शाम तीन बजे से नोटों की अगली खेप नहीं आने के कारण लोगों को खाली हाथ वापस जाना पड़ा. गायघाट स्थित बैंक आफ बड़ोदा के अधिकारियों ने ग्राहकों के सामने हाथ खड़े कर लिये. ऐसे ही हालात अनेक बैंकों में हैं. हालांकि अब एटीएम के सामने लगने वाली भीड में कुछ कमी पटना में देखने को मिली है.