बिहार विधान सभा में पटना प्रमंडल के छह जिलों से 43 विधायक चुने जाते हैं। इसमें सिर्फ एक विधायक मुसलमान की अंसारी जाति से आते हैं, जो बक्सर जिले के डुमरांव से निर्वाचित हैं। जबकि सर्वाधिक संख्या कुर्मी जाति के विधायकों की है। इनमें से पांच अकेले नालंदा जिले से निर्वाचित हुए हैं। नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला भी है।
वीरेंद्र यादव
पटना प्रमंडल में 7 सीट रिजर्व हैं, जिसमें सर्वाधिक चमार जाति से आते हैं। यादव विधायकों की संख्या भी 7 है। इनमें से 5 पटना जिले से चुने गए हैं। नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव भी पटना साहिब से विधायक हैं। भूमिहार विधायकों की संख्या 6 है, जिनमें से 3 पटना से चुने गए हैं। राजपूत व ब्राह्मण विधायकों की संख्या बराबर-बराबर है। दोनों 4-4 निर्वाचित हुए हैं। कायस्थों की संख्या सिर्फ दो है और दोनों पटना शहर से ही चुने गए हैं। कुशवाहा की संख्या भी 2 ही है। इसमें एक नालंदा व रोहतास से चुने गए हैं। अति पिछड़ी जाति के सदस्यों की संख्या भी 2 है और दोनों शाहाबाद से ही चुने गए हैं।
5 जातियों का 29 सीटों पर कब्जा
जातियों की सामाजिक स्वरूप के आधार पर देखें तो मात्र पांच जातियों यादव(7), कुर्मी (8), भूमिहार (6) और राजपूत-ब्राह्मण (4-4) ने मिलकर ही 29 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। जबकि अनारक्षित अन्य जातियो के हिस्से में सिर्फ 7 सीटें आती हैं। पटना प्रमंडल में पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, कैमूर व बक्सर जिले आते हैं।
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