स्वतंत्रता के बाद से पुलिस जवानों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) समर्पित किया जायेगा। 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्धाख में हॉट स्प्रिंग्स में मारे गये पुलिस जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस मनाया जाता है।
नौकरशाही डेस्क
इस स्मारक का निर्माण शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाण्क्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है। यह पुलिस स्मारक सभी राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश पुलिस बलों एवं केन्द्रीय पुलिस संगठनों का प्रतिनिधितत्व करता है।
1947 से अभी तक 34,844 पुलिस जवान शहीद हो चुके हैं जिनमें 424 पुलिस जवानों ने इसी वर्ष अपनी शहादत दी है। इनमें से कई बहादुर जवानों ने कश्मीर, पंजाब, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम जैसे विभिन्न क्षेत्रों एवं देश के वाम चरमपंथ क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जानें गवाई हैं।
इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में पुलिस के जवान अपराध रोकने एवं कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में शहीद हुए। एनपीएम ग्रेनाइट के एक टुकड़े से बनी केंद्रीय प्रस्तर प्रतिमा है जो 30 फीट ऊँचा पत्थर का खंभा है, जिसका वजन 238 टन है। इसका वजन और रंग सर्वोच्च बलिदान की गंभीरता का प्रतीक है।
सभी 34,844 पुलिस जवानों के नाम शूरता की दीवार पर ग्रेनाइट पर उत्कीर्ण हैं। राष्ट्र के नाम एक पुलिस संग्रहालय भी समर्पित किया जाएगा। इसमें वे कलाकृतियां एवं समय-बिन्दु शामिल हैं जिन्होंने भारतीय पुलिस के इतिहास को आकार दिया।