2009 के चुनाव आंकड़ें बताते हैं कि जिन राज्यों को राजनीतिक रूप से सक्रिय माना जाता है वहीं के लोग मतदान केंद्रों पर अपेक्षाकृत कम जाते हैं. देखिए इन राज्यों की हकीकत.
आम चुनाव 2009 में 58 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया।
राजनीतिक रूप से सक्रिय माने जाने वाले राज्य उत्ततर प्रदेश, बिहार, राजस्थाकन, महाराष्ट्र, मध्यर प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों के मतदाता नागालैंड, मणिपुर और केरल के लोगों से वोट देने के मामले में काफी पीछे हैं.
2009 के लोकसभा चुनाव में बड़े राज्ये उत्तंर प्रदेश में 47.78 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि बिहार में 44.46 प्रतिशत मतदान किया गया।
गुजरात में 47.9 प्रतिशत तथा राजस्थाान में 48.4 प्रतिशत मतदान किया गया। महाराष्ट्रद, झारखंड और मध्यस प्रदेश में भी राष्रीजस य औसत से कम मतदान हुआ था। इनके मतदान का प्रतिशत क्रमश: 50.71 प्रतिशत, 50.98 प्रतिशत एवं 51.16 प्रतिशत रहा।
पूर्वोत्त र राज्यों में मिज़ोरम(51.8 प्रतिशत) को छोड़कर मतदाताओं का औसत बहुत अच्छाश रहा।
नागालैंड सबसे आगे
सबसे अधिक मतदान नगालैंड में 89.99 प्रतिशत दर्ज किया गया। इसके बाद का स्थाकन त्रिपुरा(84.45 प्रतिशत) एवं सिक्किरम(83.76 प्रतिशत) का रहा। पश्चि म बंगाल में भी 81.4 प्रतिशत मतदान हुआ जो अच्छाड था। दक्षिणी राज्योंक में भी मतदाताओं की उपस्थि्ति अच्छी़ रही। इनमें केरल में 73.36 प्रतिशत, तमिलनाडु में 73.03 प्रतिशत तथा आंध्र प्रदेश में 72.63 प्रतिशत मतदान किया गया। कर्नाटक में 58.81 प्रतिशत मतदान किया गया जो राष्ट्री्य औसत से कुछ अधिक रहा।
केन्द्रग शासित प्रदेशों में राष्ट्रीतय राजधानी दिल्लीष में मतदान केवल 51.85 प्रतिशत किया गया जो राष्ट्री्य औसत से कम था। लक्षद्वीप में 85.9 प्रतिशत मतदान हुआ और इसका स्थाजन केन्द्री शासित प्रदेशों में पहला तथा समग्र रूप में दूसरा रहा।
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