पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों और जनाधार विस्तार में वेबमीडिया कारगर हथियार साबित हो रहा है। सभी पार्टियां इसको लेकर गंभीर हैं। इसका जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। पार्टी की आफिसियल वेबसाईट, न्यूज पोर्टल, फेसबुक, ट्विटर को हैंडल करने के लिए अलग से प्रकोष्ठ बन गया है। तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को इसका जिम्मा सौंपा जा रहा है।
आधिकारिक वेबसाइट पर अशोक चौधरी हैं प्रदेश अध्यक्ष
वीरेंद्र यादव
इस मामले में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आधिकारिक वेबसाइट पिछड़ती नजर आ रही है। बीपीसीसी का संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह बदल गया, लेकिन वेबसाइट के होम पेज का कंटेंट नहीं बदला है। करीब 6 महीना पहले कांग्रेस के तत्कालिन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी को बर्खास्त कर दिया गया था। उनकी जगह पर कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी को बनाया गया था। लेकिन होमपेज के कंटेंट में आज भी अशोक चौधरी ही प्रदेश अध्यक्ष हैं।
अशोक चौधरी पर पार्टी को कमजोर करने और कांग्रेस को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ‘बंधुआ’ बना देने का आरोप था। मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता अशोक चौधरी की इस ‘योग्यता’ से अभिभूत थे। सार्वजनिक मंचों से नीतीश ने अशोक चौधरी का ‘गुणगान’ किया। जब कांग्रेस नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के बाद राजद के साथ मिलकर विपक्ष की मजबूत भूमिका निर्वाह का दावा कर रही थी, वैसी स्थिति में नीतीश के कार्यक्रमों में अशोक चौधरी का जाना पार्टी को नागवार गुजर रहा था। तब पार्टी ने पिछले सितंबर के पहले सप्ताह में अशोक चौधरी को बर्खास्त कर दिया।
पार्टी नेतृत्व ने जिस तत्परता से अशोक चौधरी को बर्खास्त किया, वही तत्परता वेबसाइट के कंटेंट बदलने नहीं दिखायी गयी। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव कर दिया गया। पदाधिकारियों के नाम बदल दिये गये, लेकिन होमपेज पर आज भी अशोक चौधरी ही ‘राज’ कर रहे हैं। तस्वीर में भी अशोक चौधरी ही नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया का चेहरा बदल रहा है, चरित्र बदल रहा है, कंटेंट बदल रहा है, लेकिन बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का होम पेज नहीं बदल रहा है। होम पेज, जिससे किसी भी वेबसाइट की पहचान होती है, उस पर अशोक चौधरी ही राज कर रहे हैं। यानी वेबसाइट पर आधिकारिक रूप से आज भी अशोक चौधरी ही प्रदेश अध्यक्ष हैं। कांग्रेस में राज भले बदल गया हो, वेबसाइट का ‘पाठ’ नहीं बदला है।