बिहार में सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के रूप में लालू यादव और रामविलास का नाम रहा है लेकिन असेम्बली में नुमाइंदगी के लिहाज से सबसे बड़े राजनीतिक परिवार तो प्रभुनाथ सिंह का है.
अनूप नारायण सिंह
लालू प्रसाद का परिवार 2014 लोकसभा चुनाव में हार गया और इस प्रकार भले ही उनकी शक्ति संसद में कम हो गयी लेकिन एक बड़े वोट बैंक की पार्टी अब भी राजद है. लेकिन लोकसभा चुनाव में एक परिवार से सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें रामविलास पासवान ने इस बार जीती. पासवान के बेटे और भाई भी सांसद हैं.
लेकिन महाराजगंज से चार बार सांसद रहने वाले प्रभुनाथ सिंह भले ही इस बार मोदी लहर के कारण चुनाव हर गये हों पर आज की तारीख में सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार उनका ही है. इस परिवार का सारण परमंडल बड़ा राजनैतिक वर्चस्व है.
उनके पुत्र रणधीर सिंह छपरा से राजद के बिधायक है तो भाई केदारनाथ सिंह बनियापुर के एमएलए हैं. इसी तरह बहनोई गौतम सिंह, मांझी से जदयू के बिधायक है जबकि उनके समधी बिनय सिंह सोनपुर से भाजपा के बिधायक है.
पिछले बिधानसभा चुनाव में प्रभुनाथ सिंह ने सोनपूर में विनय सिंह के खिलाफ राजद की रबड़ी देवी के लिये वोट माँगा था. छपरा से बिधायक रणधीर की शादी विनयी सिंह की पुत्री से हुईं है. इस बार भी इनका राजनैतिक रसूख बढ़ने वाला है. तरैया से भतीजा सुधीर सिंह को अगर टिकट मिला तो संख्या में और इजाफा हो सकता है.इस बार असेम्बली के चुनाव होने वाले हैं. अभी इसमें चार महीने की देरी है लेकिन इस परिवार ने चुनावी तैयारी अभी से शुरू कर दी है.
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