पटना.
देशभर में वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी एक जुलाई से लागू हो गया है. इन डायरेक्ट टैक्स के क्षेत्र में आजादी के बाद यह सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है. इसके बाद पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली हो गयी है. इससे सभी भारतीयों के जीवन में बड़ा बदलाव आने वाला है. इसी संदर्भ में बिहार के उद्योग व व्यापार जगत से जुड़े संघ ने इसका स्वागत किया है.
नयी कर प्रणाली स्वागत योग्य: पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
1 जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू होनेवाले जीएसटी लागू हो गया है. हालांकि देश के व्यवसायियों में वस्तु एवं सेवा कर के कार्यान्वयन को लेकर उसके दंडात्मक प्रावधानों के कारण कुछ संशय बनी हुई है. फिर भी चैंबर नयी कारण प्रणाली का स्वागत करता है. ऐसी आशा है कि जब तक व्यवसायी इस नई कर प्रणाली से पूरी तरह अवगत नहीं हो जाते हैं तब तक उनकी तकनीकी त्रुटियों के लिए किसी प्रकार का कठोर कदम नहीं उठाया जायेगा. जरूरत इस बात की भी है कि सरकार की ओर से व्यवसायियों को इस नई कर प्रणाली से पूरी तरह अवगत कराया जाये.
बहुत तरह की टैक्स से मिलेगी अाजादी: राम लाल खेतान, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोेसिएशन
बहुचर्चित एवं बहुप्रतिक्षित जीएसटी व्यवस्था को सरकार अंग्रेजों द्वारा बनायी गयी टैक्स व्यवस्था से आजादी के रूप में देख रही है.हम सभी इसका स्वागत करते हैं. क्योंकि इस कर व्यवस्था से आम नागरिकों सहित उद्योग एवं व्यापार को भी बहुत तरह की टैक्स से आजादी मिलने जा रही है. इसके लागू होने के साथ 16 प्रकार के टैक्स तथा 1,150 तरह के चुंगी से आजादी मिलेगी. साथ ही टैक्स पर टैक्स और व्यापारियों को कार्यालय जाने से छूटकारा मिलेगा.
दवाओं पर लगने वाले टैक्स कम हो: परसन कुमार सिंह,अध्यक्ष, बीसीडीए, पटना
आजादी के बाद पहली बार एक राष्ट्र एक कर प्रणाली जीएसटी का हम केमिस्ट समुदाय भी स्वागत करते हैं. नयी व्यवस्था को आरंभ करने में प्राय: सभी जगहों पर कुछ परेशानियां होती ही है, लेकिन केंद्र से लेकर राज्य स्तर तक विभागीय द्वारा नयी पद्धति की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम किया जा रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद अधिकांश जीवन रक्षक दवाएं महंगी हो जायेगी. इन दवाओं पर पहले कुल मिलाकर आठ फीसदी टैक्स लगता था, अब 12 फीसदी टैक्स लगेगा. वैसे सरकार ने कुछ जीवन रक्षक दवाओं(टीबी, वैक्सिन, इंसुलिन, डायबिटिक, एचआइवी, किडनी से संबंधित) पर टैक्स पहले से कुछ कम किया है, जो राहत की बात है.
बुनकरों को मिलेगा फायदा: पुरुषोत्तम कुमार चौधरी, सचिव, पटना थोक वस्त्र व्यवसायी संघ
बिहार के नजरिये से देखे तो जीएसटी काननू राज्य के हित में है. इसलिए यह कानून स्वागत योग्य है. जीएसटी लागू होने के बाद कपड़ा उद्याेग पर इसके प्रभावों को लेकर बहस चल रही है है. लेकिन अंतत: मध्यम व लघु व्यवसायियों का इसका फायदा मिलेगा. वास्तव में सरकार ने टेक्सटाइल यार्न और फैब्रिक्स निर्माण के जॉब वर्क पर टैक्स की दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. इससे छोटे और मध्यम उद्योगों, पावरलूम और बुनकरों को फायदा होगा. यह बिहार जैसे राज्य के लिए अच्छी खबर है क्योंकि यहां अधिकांश कपड़ा उत्पादन बुनकर और छोटे व्यवसायियों द्वारा ही किया जाता है.