इस घोटाले के उजागर होने के बाद राजभवन ने इसकी जांच का आदेश दिया है. मामला मुजफ्फरपुर स्थित बिहार विश्वविद्यालय का है. इस घोटाले के किंगपिन ललन सिंह हैं जो दूर शिक्षा निदेशालय के अफसर हैं.
ठगे गये शोधार्थियों की शिकायत पर राजभवन ने शिक्षा माफिया को निलंबित करके विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है.
ईटीवी के अनुसार शिकार हुए शोधार्थी पंकज कुमार की मानें तो ललन की तरफ से लगातार शिकायत करने वाले छात्र-छात्राओं को धमकी दी जा रही है. राजभवन के आदेश पर ललन कुमार से पहले स्पष्टीकरण पूछा गया और घोटाला उगाजर होने पर उसे निलंबित कर दिया गया लेकिन 25 जनवरी 2017 यानि जिस दिन ललन को निलंबित किया गया उस दिन भी वो कुलपति के साथ न सिर्फ मौजूद रहा बल्कि पदाधिकारी की हैसियत से एक बड़े भवन का शिलान्यास करते भी दिखा.
मामले का खुलासा विश्वविद्यालय के छात्र नेता उत्तम पांडेय ने आरटीआई के माध्यम से किया. मामला संज्ञान में लेते हुए राजभवन ने जांच और कार्रवाई के आदेश दिये जिसके बाद ललन पर कार्रवाई आरंभ कर दी गयी है लेकिन उसे क्लीन चिट देने की कवायद भी जारी है.