बिहार विधान परिषद के औचित्य को लेकर सवाल उठते रहते हैं। उसको समाप्त कर देने की मांग भी की जाती रही है। राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कल पूर्णिया में आयोजित जन अदालत में कहा कि विधान परिषद को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि परिषद सदस्यों को जनता से कोई सरोकार नहीं होता है। इसके सदस्य पैसे बांटकर वोट खरीदते हैं और प्रतिनिधि बनते हैं। सांसद ने कहा कि विधान परिषद सदस्यों पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये उनके वेतन, भत्ते व पेंशन के रूप खर्च होता है। उनके वेतन व भत्ते पर खर्च होने वाली राशि से बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता व अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाना चाहिए।
नौकरशाही ब्यूरो
सांसद ने कहा कि हमारे देश में कौन सी राजनीतिक व्यवस्था है, जो जाति की ताकत पैदा करती है, लेकिन जाति के लिए रोटी पैदा नहीं करती है। यह कौन सी सामाजिक मनोवृति है कि दिल्ली में निर्भया व दामिनी के लिए बड़े आंदोलन होते हैं। इसके बावजूद बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि देश का मालिक जनता सड़ा हुआ चावल खा रहा है, सरकार से खैरात की उम्मीद लगाए बैठा है। यदि वास्तव में जनकल्याण करना है तो आम आदमी को सम्मान देना होगा, आम आदमी के कल्याण के लिए सिस्टम को प्रतिबद्ध होना होगा। राजद सांसद ने कहा कि हमारी लड़ाई भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ है। सिस्टम बदलेगा या सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा। आम आदमी के लिए हमारा संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट डॉक्टरों के खिलाफ अभियान को और तेज किया जाएगा।
इस मौके पर सुपौल से कांग्रेस की सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि आम आदमी की भलाई के लिए बनी सभी संस्थाएं ध्वस्त हो गयी हैं। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई संसद से सड़क तक जारी रहेगी। रंजीत रंजन ने पूर्णिया की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने पूर्णिया के मंच से ही बोलना सीखा है और आज नये आंदोलन की शुरुआत पूर्णिया से कर रहे हैं। इस मौके पर विधायक दिनेश सिंह व अफाक आलम, युवा शक्ति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र यादव, सचिव प्रेमचंद सिंह, नागेंद्र सिंह त्यागी, राजेश रंजन, सुरेंद्र सिंह यादव आदि मौजूद थे।