भारत के साथ यूनिसेफ़ की साझेदारी के 75 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित
यूनिसेफ़ का भारत और राज्य सरकारों के बाल कल्याण एवं अधिकार संरक्षण हेतु किये जा रहे अथक प्रयासों में एक दृढ़ सहभागी के रूप में सेवाएं प्रदान करने का 75 साल पूरा होना एक महत्वपूर्ण तथा सार्थक मील का पत्थर है।
यूनिसेफ़, भारत के ‘विकसित भारत: विज़न – 2047 प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने एवं भारत सरकार की स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन, एवं लैंगिक भेदभाव से संबंधित सेवाओं तक बच्चों की पहुंच एवं अवसर की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए उन्हें अपनी पूर्ण क्षमता के अनुरूप विकसित करने के प्रयासों में सहयोगी समर्थन करने हेतु प्रतिबद्ध है। बिहार में, यूनिसेफ़ ने 1982 में केवल दो स्टाफ़ सदस्यों के साथ अपना परिचालन आरंभ किया था। तब से यूनिसेफ़ बिहार सरकार द्वारा बच्चों एवं किशोरों के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों में सहयोग कर रहा है। वर्तमान में, संस्था के बिहार कार्यालय का नेतृत्व फ़ील्ड कार्यालय प्रमुख सुश्री मार्गरेट ग्वाडा द्वारा किया जा रहा है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों का शीर्षक ‘UNICEF India@75’ भारत की समावेशी, जलवायु परिवर्तन एवं संधारणीय विकास की दिशा में बढ़ते क़दमों में यूनिसेफ़ की गहरी साझेदारी, सहयोग एवं प्रतिबध्ता को प्रतिबिंबित करता है। यूनिसेफ़ ने पूरे वर्ष कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की श्रृंखला की योजना बनाई है। ये गतिविधियां बच्चों और युवाओं को शामिल करने, यूनिसेफ़ की विरासत को प्रतिबिंबित करने तथा विश्व के लिए इसके महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण को मज़बूत करने पर केंद्रित है। इनका उद्देश्य साझेदारियों को मज़बूत करना, बाल अधिकारों की रक्षा करना एवं संपूर्ण भारत में बच्चों और युवाओं की आवाज़ को आगे बढ़ाना भी है।
कार्यक्रम की शुरूआत श्री संजय विजेसेकैरा, क्षेत्रिय निदेशक, यूनिसेफ़ दक्षिण एशिया और सुश्री सिंथिया मैककैफरी, भारत प्रतिनिधि की वर्चुअल रूप से देश के सभी क्षेत्रिय unicef कार्यालयों के संबोधन के साथ की गई। साथ ही, हाल में नियुक्त यूनिसेफ राजदूत करीना कपूर खान ने भी सभा को संबोधित किया। वर्चुअल कार्यक्रम के बाद प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट पवन द्वारा बच्चों (दिव्यांग बच्चों सहित) के लिए एक कला कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला माध्यम से बच्चों को यूनिसेफ की यात्रा से अवगत कराया गया, और उन्हें इससे यूनिसेफ और उसके कार्यों के बारे में अपनी समझ व्यक्त करने का एक अवसर मिला।