उच्चतम न्यायालय ने उन मतदाताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया जो चुनावों के दौरान कथित रूप से चुनावी गड़बड़ियों में शामिल रहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका की सुनवाई के बाद कहा,“ हमने याचिका को सुनवाई के योग्य नहीं पाया है। यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है। इस वजह से इसे खारिज किया जाता है। इस याचिका को कर्नाटक के गैर सरकारी संगठन लंच मुक्त कर्नाटक निर्माणा वेदिका की ओर से दायर किया गया था। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका पर कानूनी मशविरे के लिए उच्च न्यायालय में जाने को कहा है।
एक अन्य मामले में उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में ऋण माफी और आर्थिक लाभ पहुंचाने वाली अन्य योजनायें शामिल न करने के लिए राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने से रोकने संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनाई के बाद कहा कि हमने वकील, याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका को सुनवाई के योग्य नहीं पाया है। यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है। इस वजह से इसे खारिज किया जाता है। उल्लेखनीय है कि वकील रीना सिंह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा था कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों को चुनाव को देखते हुए अपने घोषणा पत्र में किसानों की ऋण माफी तथा अन्य आर्थिक लाभ पहुंचाने की घोषणायें शामिल करने पर प्रतिबंध लगाया जाये।