मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज विधानसभा में विश्वासमत हासिल करेंगे। 22 फरवरी को सरकार गठन के बाद उन्हें 11 मार्च तक बहुमत साबित करने का निर्देश राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने दिया था। आज से ही बजट सत्र शुरू हो रहा है। सत्र की शुरुआत में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार विश्वास प्रस्ताव रखेंगे।
नौकरशाही ब्यूरो
विश्वास प्रस्ताव पर बहस के बाद इस पर मतदान होगा। लेकिन सत्ता और विपक्ष दोनों खेमा विश्वासमत पर मत विभाजन से बचना चाहता है। विधान सभा में एक मात्र विपक्षी दल भाजपा के अभी 87 सदस्य हैं। भाजपा यह मानकर चल रही है कि सरकार को विश्वास का संकट नहीं है। मतदान की मांग करके भाजपा नीतीश कुमार को संख्या बल के स्पष्ट दावे की जमीन नहीं देना चाहती है। यह भी तय है कि विधान सभा में भाजपा की मांग पर ही वोट कराने की नौबत आएगी।
सत्तारूढ़ पार्टियों में विश्वास का संकट
विधानसभा में सरकार को विश्वास का संकट हो या नहीं, लेकिन सत्ता के साथ खड़ी पार्टियों के अंदर विश्वास का संकट भयंकर रूप से विद्यमान है। जदयू जिन्हें असंबद्ध और निलंबित कर चुका है, अब उस पर भी अपनी दावेदारी जता रहा है। उन विधायकों को अपना बता रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, जिन्हें सदन में बैठने के लिए अलग से व्यवस्था कर दी गयी है, उन्हें भी जदयू का सदस्य माना जा रहा है। राजद और कांग्रेस में भी आंतरिक विश्वास का संकट मौजूद है। यदि विश्वास मत पर मतदान की नौबत आयी तो सत्ता पक्ष की पार्टियों का अंतरकलह भी सामने आ जाएगा। मत विभाजन से बचने के लिए दोनों खेमों की अपनी-अपनी वजह है। इस कारण उम्मीद है कि विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन की नौबत नहीं आएगी और ध्वनिमत से पास हो जाएगा।
विधान सभा में दलीय स्थिति
जदयू 110
भाजपा 87
राजद 24
कांग्रेस 05
सीपीआई 01
निर्दलीय 05
रिक्त् 10
(बराबर वोट की नौबत आने पर स्पीकर को निर्णायक वोट देने का अधिकार )