एक अखबार की दस्तावेजी रिपोर्ट के बाद उन लोगों को लाजवाब कर दिया है जो यह मानने को तैयार नहीं थे कि भारत ने मनमोहन सिंह के जमाने में 2011 में सर्जिकल स्ट्राइक कर 13 पाक सैनिकों मार गिराया था और तीन के सर ले कर भारत आये थे.
यह सर्जिकल स्ट्राइक तब किया गया था जब पाकिस्तानी सैनिक रास्ते भटक चुके दो भारतीय सैनिकों के सर काट कर ले गये थे.
इस ऑपरेशन के आधिकारिक दस्तावेज, वीडियो और तस्वीरें अंग्रेजी अखबार द हिंदू को प्राप्त हुई हैं. कुपवाड़ा की 28 डिवीजन के चीफ और इस ऑपरेशन को अमलीजामा पहनाने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल एस. के. चक्रवर्ती ने अखबार से इसकी पुष्टि की है।
द हिन्दू अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, कुपवाड़ा बेस 28 डिविजन के मुखिया रहे रिटायर्ड मेजर जनरल एसके चक्रवर्ती ने भारत के सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग और एग्जेक्यूशन किया था. उन्होंने कार्रवाई की पुष्टि की है, लेकिन अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.
ये कार्रवाई ‘जैसे को तैसे’ अभियान के तहत की गई थी. पाकिस्तान की ओर से किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में कुपवारा के गुगलधर रेंज के आर्मी पोस्ट को निशाना बनाया गया था. 30 जुलाई 2011 की दोपहर में राजपूत और कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों पर हमला किया गया था.
क्रॉस बॉर्डर हमला करने से पहले 7 बार रेकी की गई थी और टार्गेट फिक्स किए गए थे. करीब दो महीने तक रेकी करने के बाद 30 अगस्त 2011 को सेना ने ऑपरेशन जिंजर शुरू किया था. ऑपरेशन में शामिल एक व्यक्ति के मुताबिक, ‘भारत ने मंगलवार को ऑपरेशन शुरू किया, क्योंकि 1999 के कारगिल वार सहित मंगलवार को शुरू किए गए अन्य ऑपरेशन में भी भारत को जीत मिली थी.’ ये ऑपरेशन ईद के ठीक एक दिन पहले शुरू की गई थी ताकि पाकिस्तानियों को इसके बारे में आभास तक न हो.