बुधवार को सदन में बहुमत साबित करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे उससे पहले बहस में उनके दल के एमएलए मंजीत कुमार सिंह ने जीतन मांझी पर आरोपो की झड़ी लगा दी. इसके बाद जीतन राम मांझी ने इन आरोपों का जवाब प्रेस कांफ्रेंस करके दिया.
मांझी ने कहा मैं असम्बद्ध सदस्य हु ऐसे में व्हिप कैसे जारी किया गया…मुझे सदन में बोलने का मौका भी नहीं दिया जायेगा।विधानसभा अध्यछ के रहते मैं सदन में नहीं जाऊंगा नहीं तो वहा कुछ भी हो सकता है।मुझ पर घुस लेने का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन यह गलत है मैंने यह कहा था की ऐसा होता आया था।जिस पर मैंने कार्रवाई की थी. गौरतलब है कि मंजीत ने सदन में कहा कि जीतन मांझी ने स्वीकार किया कि रिश्वत के पैसे मुख्यमंत्री तक पहुंचते हैं.
मुझे कर रहे हैं अपमानित
मंजीत ने मांझी पर यह भी आरोप लगाया कि वह पीएम मोदी से मिल कर आये तो वह बागी हो गये. इसके जवाब में मांझी ने कहा मेरी प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर कई आरोप लगाये जा रहे है। जिसके पीछे प्रधानमंत्री का हाथ बताया जा रहा है लेकिन यह गलत है मेरी प्रधनमंत्री से इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई थी। मैंने यह कहा था की मैं नीतीश कुमार से बड़ा लकीर खीचूँगा जो सही है।शरद यादव को कहा था पार्टी की बैठक बुलाने के लिए।नीतीश कुमार के इशारे पर महादलित समझकर अपमानित किया गया।अपनी महत्वकांछा के लिए ऐसा करते रहे।सेनेटरी नैपकिन देकर कहते है मैंने नारी शसक्तीकरण के लिए ऐसा किया।अगर किसानो को बिजली माफ़ करना हेरार रकी है तो मैंने क्या गलत किया।
नीतीश कुमार के कथनी करनी में अंतर है। दवाई घोटाला हुआ..डॉक्टरों को कहा की अधिकार सिमित कर देने की बात कही।इसके लिए मुहावरा कहा… ध हाथ काट देंगे।मेरे बयानों को तोड़ मडोड कर पेश किया गया। मैंने व्यवहारिक बाते कही।समाज में सन्देश दिया गया की गरीबो की क्या इज्जत है।
याद रहे कि मंजीत ने मांझी पर इस मामले को लेकर भी आरोप लगाये और कहा कि वह डाक्टर का हाथ काटने की बात की.
मांझी ने आरोप लगाया कि मैं जब तक आँख बंद कर फाइलों पर साइन करता रहा तब तक अच्छे थे।पुल निर्माण निगम में सभी ठेकेदारो से कहा गया है की एक प्रतिशत ज्यादा देना है क्योंकि चुनावी खर्च उठाना है।जनता दल यू में है और रहेंगे।नरेंद्र सिंह ने नीतीश कुमार को जो पत्र लिखा है वह एक सलाह है।