मोदी मंत्रिमंडल में कई कद्दावर नेताओं का मंत्री बनने का सपना पूरा न हो सका पर संजीव बालियान कृषि राज्यमंत्री बन चुके हैं. मुजफ्फरनगर में इन दिनों उनका जोरदार स्वागत चल रहा है.
पिछले साल सितम्बर में भड़के मुजफ्फरनगर के भयानक दंगे में 60 से ज्यादा लोग मौत के घात उतार दिये गये. हजारों लोगों को कैंपों में जीवन गुजारना पड़ा. उस वक्त एक नाम जोरदार चर्चे में था वह नाम था संजीव बालियान का. संजीव पर आरोप था कि उन्होंने दंगा भड़काने का काम किया था. इतना ही नहीं बालियान पर यह भी आरोप लगे कि उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करके महापंचायत का आयोजन किया. बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और वह जेल में बंद रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संजीव बालियान को राज्यमंत्री बनाया. ध्यान देने की बात है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मोदी मंत्रिमंडल में सिर्फ दो लोगों को जगह मिली, बालियान उनमें से एक हैं.
हालांकि भारतीय जनता पार्टी बालियान पर दंगा भड़काने के आरोप को यूपी सरकार की वोट बैंक राजनीति की साजिश बताती है.
जेल की हवा खाने और दंगा के आरोप के बावजूद बालियान आज देश के राज्य मंत्री हैं. वह अपने लाव लश्कर के साथ हाल ही में मुजफ्फरनगर पहुंचे हैं जहां की जनता ने उन्हें चार लाख के बड़े अंतर से जीत दिलायी है.
बालियान उच्च शिक्षा प्राप्त नेता हैं. कोई दो साल पहले वह भाजपा में शामिल हुए हैं. इससे पहले वह हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से वेटरनरी साइंस में पीएचडी प्राप्त हैं. नौकरी छोड़ने से पहले बालियान वेटरेनरी सर्जन हुआ करते थे. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुजफ्फरनगर दंगों का ही असर था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दंगा प्रभावित इलाकों की सभी दस सीटों पर भाजपा का कब्जा हुआ.
बालियान के अतिरिक्त भारतीय जनता पार्टी के दो और दंगा आरोपी भी चुनाव जीतने में सफल रहे. ये हैं भारतेंद्र सिंह जो बिजनौर से चुनाव जीते और दूसरे हुकुम सिंह जिन्होंने कैराना से जीत दर्ज की.
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