-मतदाताओं की रही सुस्ती, गरमी ने भी दिखाया अपना रंग, जिला प्रशासन नहीं कर सका मतदाताओं को जागरुक
ये क्या हुआ, राजधानी वासी को वोट देने में रूचि ही नहीं, पटना नगर निगम में केवल 46 फीसदी वोटिंगपटना.
पटना नगर निगम के 75 वार्डों में केवल 46 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया. रविवार को संपन्न हुए चुनाव में मतदाताओं में कोई ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिला. सुबह के 9 बजे तक 15 फीसदी वोटिंग हुई थी जो दोपहर के एक बजे तक 35 फीसदी तक आ पहुंचा है. लेकिन इसके बाद केवल दस फीसदी मतदाता ही बूथों पर आ सके और इस तरह कुल 46 प्रतिशत मतदान किया गया. पांच साल पहले भी इससे आधा प्रतिशत ज्यादा यानी 46.5 फीसदी मतदाताओं ने अपने वोट डाले थे. राजधानी में राज्यपाल रामनाथ कोविंद, लालू यादव के परिवार समेत कई वीआईपी लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. लालू वेटनरी कॉलेज स्थित मतदान केंद्र पर अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के साथ वोट डालने पहुंचे.
कई बूथों पर देखने को मिला विवाद
मतदान के दरम्यान कई बूथों पर विवाद देखने को मिला. मैनपुरा में महंत हनुमान शरण कॉलेज में दो गुट आपस में भिड़ गये और बोगस वोट का आरोप लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ नारे लगाये. एसडीओ आलोक कुमार ने बताया कि वहां पर लॉ एंड आर्डर डीएसपी शिब्ली नोमानी को भेजा गया जिसके बाद दबंगों पर काबू पाया गया. वहीं पटना से सटे दानापुर के बल्लमीचक वार्ड 10 के बूथ 15 व 16 की मतदाता सूची में कई मतदाताओं के नाम नहीं रहने पर वोटर भड़क गए. वोटरों के बीच हुए हंगामे के बाद दो पक्षों की भिड़ंत भी हुई. इसके बाद लोगों ने सड़क जाम कर दिया. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
कई बूथों पर शुरू में ही खराब हो गये इवीएम
मतदान शुरू होने से पहले ही ईवीएम खराब होने की भी बात सामने आयी. पटना नगर निगम के वार्ड नंबर 11 के बूथ नंबर 7 में मशीन खराब हो गया है. 7 नंबर पर मौजूद प्रत्याशी के सामने का बटन काम नहीं कर रहा था. वार्ड नंबर 43 के बूथ संख्या 14 पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी अपनी पत्नी के साथ मतदान करने पहुंचे. हालांकि केन्द्र का ईवीएम खराब होने से सुशील मोदी को ईवीएम के ठीक होने का इंतजार करना पड़ा. नगर निगम चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी सह डीडीसी अमरेंद्र कुमार ने बताया कि चुनाव कर्मियों की लापरवाही के कारण ऐसी स्थिति आयी जिसे शीघ्र ही नियंत्रित कर लिया गया.
जिला प्रशासन नहीं कर सका मतदाताओं को जागरुक
नगर निगम चुनाव को लेकर राजधानी के 1512 बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. सुबह में मतदाताओं ने कतारबद्ध होकर मतदान में भाग लिया. चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सभी बूथों पर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. प्रशासन की ओर से असमाजिक तत्वों पर विशेष निगरानी बरती गयी लेकिन मतदाता वहां पर नहीं आ सके, इसी कारण वोटिंग का परसेंटेज इतना कम रहा.