ऐसा नहीं है कि सिर्फ गुजरात के आईपीएस डीजी बंजारा, राज कुमार पांड्यान और ओम प्रकाश माथुर ही इंसानियत और समाज के लिए अपने अधिकारों का नाजायज इस्तेमाल करने वाले अधिकारी हैं. पिछले तीन साल में इक्कीस आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए हैं और इनके खिलाफ झूठे मुठभेड़, हत्या, आत्म हत्या के लिए मजबूर करने, धन ऐंठने और आय से अधिक संपत्ति व सबूतों को नष्ट करने के मामले चल रहे हैं.
इस तरह की खबरें तो समाचार माध्यमों में आती ही रही हैं पर अब गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने लोकसभा में देश के पुलिसिया तंत्र की बर्बरता और कानून के नाजायज इस्तेमाल की बात स्वीकार करके एक गंभीर बहस छेड़ दी है.
राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब देते हुए बताया कि सीबीआई ने वर्ष 2009, 2010,2011 तथा 31 अक्टूबर 2012 के दौरान आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ 16 मामले दर्ज किए हैं.
डीजी बंजारा, राज कुमार पांड्यान, एमएन दिनेश, विपुल अग्रवाल प्रशांत चंद्र पांडेय और ओम प्रकाश मथुर गुजरात दंगों के बाद आरोपों के शिकार हुए. इन पर तुलसी प्रजपति फेक एनकाउंटर का मामला दर्ज किया गया था. इसके अलावा ये अधिकारी साजशि रचने, अपहरण करने और हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई की जांच में फंसे हुए हैं.
प्रदीप सरपाल 1991 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं जिनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया और इस मामले में कड़ी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी गई है.
मनोज मालवीय– सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित विमानन नागर में अपर आयुक्त के पद पर रहे आईपीएस अधिकारी मनोज मालवीय के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया है. इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है.उन पर आरोप है कि उन्होंने एक निजी एयर लाइन से मोटी रकम लेकर उसके हितों के लिए काम किया था.
जे.रवींद्र गौड़ -उत्तर-प्रदेश जिला बरेली के तत्कालीन एएसपी आईपीएस अधिकारी जे.रवींद्र गौड़ सीबीआई जांच में फंसे हुए हैं. उनके खिलाफ साजशि रच कर हत्या और हत्या के सबूत नष्ट करने का मामला सीबीआई दर्ज कर चुकी है. मामले की तफ्तीश अभी चल रही है.
बीएस थिंड– हिमाचल प्रदेश के एडीजीपी आईपीएस अधिकारी बीएस थिंड के खिलाफ डीए का मामला दर्ज है। वह वर्ष 2010 को सेवानविृत हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई.
सीबीआई ने जांच पूरी करने के बाद इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
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हिगंलाज दान – भरतपुर के आईपीएस अधिकारी हिगंलाज दान दंगे के मामले में चंडीगढ़ के आईपीएस देसराज सिंह 18 अक्टूबर 2012 को भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गए उनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है.
केआर कौशिक- गुजरात कैडर के 1972 बैच के आईपीएस केआर कौशिक पर झूठे मुठभेड़ का मामला सीबीआई ने दर्ज किया है. आगे की जांच अभी जारी है.
देशराज सिंह– एजेंसी ने इसी वर्ष चंडीगढ़ के एसपी और 2008 बैच के आईपीएस अधिकारी देशराज सिहं पर गैरकानूनी तौर पर पैसे मांगने का आरोप है जिसकी जांच चल रही है.
केएल बिसनोई– हलांकि के एल बिसनोई के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी पर उनके खिलाफ बम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर मामला वापस ले लिया गया.