स्वराज अभियान ने अरविंद केजरीवाल सरकार की शराब नीति पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि नशा मुक्ति के प्रयास करने के बजाए दिल्ली में 399 शराब की नयी दुकानें खोली गयी हैं । अभियान के संस्थापक सदस्य और श्री केजरीवाल के पूर्व सहयोगी रहे योगेन्द्र यादव ने नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जो पार्टी जन भागीदारी की दुहाई देकर और दिल्ली को नशा मुक्त करने का दावा करके सत्ता में आयी,उसके महज डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में शराब की 399 नयी दुकानें खोला जाना हैरान करने वाला है । सरकार शराब की नयी दुकानों के संबंध में अलग-अलग आंकड़े देकर दिल्ली की जनता को गुमराह करने की कोशिश करती रही।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने शराब की नयी दुकानें खोले जाने के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत चार अलग-अलग मामलों में भिन्न-भिन्न आंकड़े दिये हैं । उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में शराब बंदी के मुद्दे पर पूछे गये सवाल का जवाब देने की बजाय इस मसले पर गोल-मोल उत्तर दिया । आम आदमी पार्टी(आप) सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक भी नया नशामुक्ति केन्द्र नहीं खोला है और इस कार्यक्रम पर मात्र 16 हजार रूपये खर्च किये हैं। सरकार को एक साल में शराब की बिक्री से छह सौ करोड़ रूपये की आय हुई, लेकिन इस राशि में से एक करोड़ रूपया भी नशामुक्ति, पुनर्वास अथवा शराब के नशे पर रोक-थाम के लिए खर्च नहीं किया गया । श्री यादव ने कहा कि उनका संगठन शराब की नयी दुकानें खोले जाने के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगा। उन्होंने सरकार से मांग कि वह एक प्रपत्र जारी करे जिसमें जन भागीदारी के जरिये प्रभावी नियमन, नियंत्रण एवं नशामुक्ति की व्यवस्था हो। उन्होंने आबकारी नीति के प्रारूप को जनता के सुझावों के लिये सार्वजनिक किये जाने की मांग भी की ।