केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के चार महाझूठ पढ़िये जिससे भाजपा को और कई बार सरकार की जगहंसाई हुई लेकिन फिर भी वह अपनी आदत से कभी बाज नहीं आये.
IRSHADUL HAQUE, EDITOR NAUKARSHAHI.Com
नम्बर एक-
दस सितम्बर को कांग्रेस समेत 22 विपक्षी दलों ने पेट्रोल की कीमतों में बेताहाश वृद्धि के खिलाफ भारत बंद का आयोजन किया. बंद के दौरान अचानक केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेसकांफ्रेंस बुलाई और मीडिया को बताया कि बिहार के जहानाबाद में बंदसमर्थकों ने दो साल की बीमार बच्ची को अस्पताल जाने के लिए रास्ता नहींं दिया जिसके कारण रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इस मौत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए. लेकिन थोड़ी ही देर बाद रविशंकर प्रसाद का यह आरोप झूठा निकला. जहानाबाद के डीएम के साथ साथ खुद बच्ची के पिता प्रमोद मांझी ने साफ कहा कि उनकी बेटी की मौत का कारण भारत बंद नहीं था. और न ही किसी बंद समर्थक ने उनके वाहन को अस्पताल जाने से रोका. बल्कि उसकी मौत लगातार दश्त होने कारण हुई. जिसे वह अस्पताल ले जा रहे थे और रास्ते में ही मौत हो गयी. पर किसी बंद समर्थक ने उनके रास्ते को नहीं रोका.
झूठ नम्बर दो-
सुप्रीमकर्ट को कोट करते हुए कहा था कि यह अदालत का आदेश है कि अपने आधआर नम्बर को मोबाइल सिम को लिंक कराइये. रविशंकर ने ट्विट करके कहा था. जो सरासर झूठ था. अदालत ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था. इस मामले को अदालत में सुनवाई करने वाले जस्टिस चंद्रचुड़ और जसिट्स सिकरी ने कभी ऐसा आदेश ही नहीं दिया था. जस्टिस चंद्रचुड़ ने तब रविशंकर को डांट पिलाते हुए कहा था कि अदालत ने ऐसा कभी डायरेक्शन नहीं दिया लेकिन आपने इसे ऐसे पेश किया जैसे अदालत ने ही यह हुक्म दिया था.
दर असल तब यह आरोप लगा था कि रविशंकर ने निजी मोबाइल कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कहा था.
झूठ नम्बर तीन-
जयशाह केस में भी रविशंकर ने झूठ बोला था. जब वायर वेबसाइट ने यह खबर छापी थी कि अमित शाह के बेटे जय शाह की आमदनी एक वर्ष में 16 हजार गुणा बढ़ी. इस मामले में खबर आयी थी कि अमतिशाह के बेटे के फर्म को सरकार ने कई नियमों का उल्लंघन करके फायदा पहुंचाया था. तब रविशंकर ने इस पर प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि ये आरोप झूटे हैं. और वायर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा के साथ साथ वायर को अपने वेबसाइट से खबर हटाने के लिए कहा था. लेकिन भाजपा के इस नेता ने अदालत में अपना यह झूठा आरोप कभी साबित नहीं कर पाय. इतना ही नहीं अदालत ने इस मामले में वायर को अपनी खबर हटाने का कोई निर्देश नहीं दिया.
झूठ नम्बर चार-
फेसबुक के 50 लाख डाटा चोरी के मामले में भाजपा के इसी नेता ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने कैम्ब्रीज एनालिटिका के साथ मिल कर डाटा चोरी करवाया. और इसका फायदा चुनाव में लेने की कोशिश की. लेकिन जब इस बात की हकीकत सामने आयी तो इस फर्म के भारत के सीईओ निकले, जदयू के महासचिव केसी त्यागी के बेटे अमरीष त्यागी. अमरीष त्यागी ने भाजपा और जदयू के लिए चुनाव में काम किया था. इस बात को लास्ट में केसी त्यागी ने इस बात को स्वीकार किया था.