लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पारदर्शी व्यवस्था में विश्वास करती है तो उसे राफेल विमान सौदा घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने पर सहमत होना चाहिए।
श्री यादव ने जारी बयान में कहा कि इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से होनी चाहिए जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में टू-जी घोटाले को लेकर भी संयुक्त संसदीय समिति गठित की गयी थी। उन्होंंने संयुक्त संसदीय समिति से इस मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि वह इस पर दबाव बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत कर रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के राफेल विमान सौदे पर आये बयान से सब कुछ उजागर हो गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस एक शब्द भी नहीं कहा है। इस सौदे में पारदर्शिता का अभाव है, जिसके कारण लोंगों में इस सौदे में घोटाला होने का संदेह हो गया है। उन्होंने कहा कि इस विमान का मूल्य 526 करोड़ रुपये से बढ़कर 1570 करोड़ रुपये कैसे हो गया तथा विमान की खरीद 126 से घटकर 36 कैसे हो गयी। इस सौदे की गोपनीयता का हवाला देकर संसद में भी इसके बारे में जानकारी नहीं दी गयी।