भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने आज लोकसभा में शून्य काल में सोन नहर में पानी नहीं आने का मामला उठाया।
उन्होंने कहा कि सोन नहर प्रणाली में पानी नहीं होने से 9 जिले पटना, बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल, कैमूर, सासाराम, गया और जहानाबाद के किसान बुरी तरह से परेशान हैं।
इन जिलों को ही धान का कटोरा कहा जाता है और उसका असल कारण सोन नहर प्रणाली है. आज इन जिलों में बारिश भी नहीं हो रही है.
और ना ही सरकार इस संबंध में कुछ कर रही है. रामकृपाल यादव ने कहा कि जब मैं अपने संसदीय क्षेत्र पाटलिपुत्र के भ्रमण पर निकलता हूं तो किसान मुझे घेर कर सोन नहर में पानी की मांग करते हैं. उनके खेत सूख रहे हैं. पदाधिकारी बोलते है मध्य प्रदेश से पानी नहीं आ रहा है. किसान बोलते है उन्हें बिहार सरकार और मध्यप्रदेश सरकार के दावे से कोई मतलब नहीं है उन्हें तो सिर्फ नहर में पानी चाहिए। पानी के बगैर किसानों का बिचड़ा सूख गया है जबकि बिहार सरकार अपना पल्ला झाड़ रही है.
बिहार सरकार कह रही है कि मध्य प्रदेश सरकार बाणसागर डैम में पानी नहीं छोड़ रही है। 1973 में हुए वाणसागर समझौते के अनुसार बिहार को एक मिलियन एकड़ फुट पानी मिलना तय है. परन्तु मध्य प्रदेश सरकार कोटा के अनुसार पानी नहीं देती है।
सांसद ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि बिहार सरकार के दावे की हकीकत का पता लगाये तथा तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करे ताकि सोन नहर प्रणाली में पानी सुनिश्चित हो सके