मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए जाति और संप्रदाय आधारित राजनीति पर चिंता व्यक्त करते हुये आज कहा कि वह वोट के लिए नहीं बल्कि वोटरों के लिए काम करने में विश्वास रखते हैं।
श्री कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि कि मैं वोट बैंक तैयार करने में विश्वास नहीं करता बल्कि इसकी जगह मैं सभी वर्ग के मतदाताओं के विकास के लिए गंभीरतापूर्वक काम करने में विश्वास करता हूं। मेरा दृष्टिकोण राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेताओं के दर्शन पर आधारित है, जिन्होंने समाज के सभी वर्गों के विकास के साथ वंचितों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत की। हम इस बात की चिंता नहीं करते हैं कि कौन वोट देगा और कौन वोट नहीं देगा। हम काम पर भरोसा करते हैं। हम वोट नहीं, वोटरों की चिंता करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कोशिश कर रहे हैं कि बिना समझौते की राजनीति पर आगे बढ़ें। बिहार में हर तबके और हर क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। जो तबका पिछड़ गया है, उसके लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। जो हाशिये पर हैं, उनको मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश की जा रही है। पुल-पुलियों और सड़क निर्माण के साथ कल्याणकारी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। हर गांव में पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है, हर घर में नल का जल उपलब्ध कराया जा रहा है, हर घर तक बिजली पहुंचायी जा रही है। नारी सशक्तीकरण की दिशा में काम किया गया है। इन सब कामों को करते हुए सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया गया है।