जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय कंवेनर अशफाक रहमान ने नये शराबबंदी कानून का जोरदार स्वागत किया है और कहा है कि सरकार ने पैगम्बर मुहम्मद साहब द्वारा शराब पार पाबंदी लगाने के कानून का अनुसरण किया है इसके लिए हम उनका धन्यवाद देते हैं. लेकिन उन्होंने साथ ही चेताया है कि इस कानून के कुछ प्रावधान बाल अपराध व वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देने वाले हैं.
अशफाक रहमान ने राज्य के मद्यनिषेध एंव उत्पाद अधिनियम 2016 के कुछ प्रावधानों पर सख्त एतराज जताते हुए कहा है कि इस कानून के गैरलोकतांत्रिक प्रावधानों से समाज में अपराध व वेश्यावृत्ति को बढ़ावा मिलने का खतरा है. उन्होंने कहा कि कानून के अनुसरा किसी घर में शराब मिलने पर तमाम व्यस्क को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए सब को जेल में डाला जायेगा जिसका परिणाम यह होगा कि उस घर के बच्चे खाने के लिए या तो भीख मांगने पर मजबूर हो जायेंगे या फिर अपराध या वेश्यावृति में ढ़केल दिये जायेंगे.
बच्चों के मौलिक अधिकारों पर प्रहार
अशफाक रहमान ने कहा कि किसी घर में शराब मिलने पर नये कानून के अनुसार सरकार घर को भी सीज कर सकती है, ऐसे में घर के व्यस्क तो जेल चले जायेंगे जबकि बच्चे दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हो जायेंगे जिससे बच्चे उचित शिक्षा, रोटी और रोजगार से वंचित हो जाने को मजबूर होंगे. उन्होंने इस कानून में सजा के प्रावधानों की आलोचना करते हुए कहा कि शराबबंदी से सरकार समाज सुधार की मंशा रखती है तो उसे इन अमानवीय और अलोकतांत्रिक प्रावधानों को हटाना चाहिए.
अशफाक रहमान ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में तानाशाही कानून कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता.
अशफाक रहमान ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में शराबबंदी का ऐसा कानून नहीं है. उन्होंने कहा कि शराब पीने पर जो सजा इस कानून में देने का प्रावधान है वह आश्चर्य में डालने वाला है. उन्होंने कहा कि शराब पीते हुए पकड़े जाने वाले को जमानत भी नहीं मिल सकती है जबकि हत्या जैसे जघन्य अपराध में भी जमानत का अधिकार आरोपी को दिया गया है.
अशफाक रहमान ने कहा कि 2 अक्टूबर को लागू शराबबंदी कानून का हम खुले दिन से समर्थन करते हैं लेकिन इस कानून में सजा का जो प्रावधान है उसे समाज कत्तई स्वीकार नहीं कर सकता.
शराब से जुड़े सिनेमा व गीत भी हो प्रतिबंधित
उन्होंने कहा कि इंसाफ का तकाजा है कि भले ही सौ दोषी छूट जायें लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए लेकिन इस कानून के तहत शराब नहीं पीने वाले उन लोगों को भी जेल जाना पड़ेगा जिसके परिवार का कोई सदस्य शराब पीता हो. उन्होंने कहा कि सरकार सजा के ऐसे कड़े प्रावधानों को खत्म करने के लिए इस कानून में संशोधन करे. उन्होंने राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि राज्य में उन तमाम सिनेमा को भी प्रतिबंधित किया जाये जिनमें शराब पीने वाले दृश्य हैं. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से मांग की हर उन गीतों पर भी पाबंदी लगायी जाये जिसमें शराब का किसी भी रूप में उल्लेख हो. उन्होंने कहा कि ऐसे गीत से भी शराब पीने को प्रोत्साहन मिलता है इसलिए ऐसे गीत बजाने वाले को भी गिरफ्तार करने का कानून बनाया जाये. उन्हों ने कहा कि बिहार में उन चैनलों को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए जिनमें शराब पीने के दृश्य वाली फिल्में या गीत दिखाये जाते हैं.
अशफाक रहमान ने जोर दे कर कहा कि राज्य सरकार राज्य में चलने वाली तमाम शराब फैक्ट्रियों को समुचित मुआवजा दे कर उनकी फैक्ट्रिों को तुरत बंद करे. उन्होंने कहा कि यह दोहरी नीति कैसे स्वीकार की जा सकती है कि हम राज्य में शराब तो बनायेंगे लेकिन अपने जनता को नहीं पिलायेंगे बल्कि बाहर की जनता को पिलायेंगे. उन्होने कहा कि अगर राज्य में शराब उत्पादन होता है और बाहर के लोग ही पीते हैं तो इसका मतलब हुआ कि वह शराब पीने से होने वाली सामाजिक बुराई को वह बढ़ावा देना चाहती है. इसलिए सरकार अपने यहां से शराब उत्पादन पर भी रोक लगाये.