राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविन्द ने वर्तमान दौर में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में विद्यार्थियों को अपने ज्ञान भंडार को तीव्र गति से बढ़ाने की जरूरत है। श्री कोविन्द ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है, जिसमें इन्टरनेट से ज्ञान का भंडार किसी भी शिक्षार्थी के पास उपलब्ध है , इसलिए विद्यार्थियों को अपने ज्ञान के भंडार को निर्बाध बढ़ाते रहना चाहिए। इन्टरनेट से चन्द मिनट में ही सारी सूचनाएँ उपलब्ध हो जाती हैं लेकिन सूचनाओं की तत्काल संप्रेषणीयता एक कठिन चुनौती भी है।
उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यार्थियों को प्राप्त ज्ञान एवं सूचनाओं का परीक्षण करने के उपरान्त ही उनके सकारात्मक पक्ष को, अपने सम्बन्धित कार्यक्षेत्र में इस प्रकार लागू करना चाहिए ताकि वह कार्य समाज को सर्व समावेशी बनाने में सहायक सिद्ध हो सके। राज्यपाल ने कहा कि बिहार की धरती अनेक ख्यातिप्राप्त महापुरुषों एवं साहित्यकारों की जन्मभूमि रही है। इस राज्य में हिन्दुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों एवं सूफी पैगम्बरों के अनेक ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पवित्र स्थल अवस्थित हैं। नालन्दा एवं विक्रमशिला के प्राचीन विश्वविद्यालयों ने धर्म, दर्शन एवं साहित्य आदि के क्षेत्र में सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया है। विश्व का प्रथम एवं प्राचीनतम गणराज्य भी इसी राज्य से विकसित हुआ। हमें अपनी इन सभी विरासतों को अक्षुण्ण रखने में अपना हर संभव प्रयास जारी रखना चाहिए तथा अपनी स्वतंत्र शोध, चिन्तन एवं बौद्धिक विकास के माध्यम से राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का भगीरथ प्रयत्न करना चाहिए।