बिहार में बाल श्रम से मुक्त कराये गये बच्चों की निगरानी वेब बेस्ड चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सरकार राज्य में बाल श्रम कानून को सख्ती से लागू करा रही है।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम से मुक्त कराये गये बच्चे आगे क्या कर रहे हैं, उस पर ठीक ढंग से निगरानी रखने के लिये वेब बेस्ड चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम की शुरूआत की जा रही है। विमुक्त बाल श्रमिक दोबारा पुराने रास्ते पर नहीं जायें, इसके लिये ट्रैक करना जरूरी है। ट्रैकिंग सिस्टम एक अच्छा प्रयोग है। साथ ही बाल श्रम निषेध के लिये जन जागरूकता के लिये मीडिया कैम्पेन की भी शुरूआत की जा रही है।
श्री कुमार ने कहा कि वैसे तो बाल श्रम के लिये कानून है। बच्चों से काम लेना यहां तक कि घरेलू काम लेना भी गुनाह है और इसके लिये सजा का प्रावधान है, फिर भी बच्चों को काम पर लगाया जाता है। हाल के दिनों में लोगों में जागृति आयी है। मीडिया भी लोगों को जागृत करने का काम कर रहा है। चैनलों पर बाल श्रमिकों का विजुअल दिखाया जाता है, जो एक प्रमाणित साक्ष्य है। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ-साथ समाचार पत्रों में भी अक्सर खबरें छपती हैं, जिससे बाल श्रम के खिलाफ वातावरण बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल श्रम के मुख्य शिकार कमजोर तबके, अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब परिवार और अनाथ बच्चे हैं। बाल श्रम में लगे बच्चों को मुक्त करने में गैर सरकारी संस्थानों की भी अहम भूमिका है। सरकार की मदद से विमुक्त बच्चों को घर तक पहुंचाया जाता है।