प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोक सेवकों से सकारात्मक नजरिया बनाये रखने, विपरीत परिस्थितियों को अवसर में तब्दील करने और प्रवीणता हासिल करने का आग्रह किया।
सिविल सेवा दिवस पर मंगलवार को लोक सेवकों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वतंत्र भारत की सिविल सेवाओं और राष्ट्रीय एकता में सिविल सेवाओं की भूमिका पर सरदार पटेल के विजन को स्मरण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सामाजिक-आर्थिक एकता भी सिविल सेवाओं का एक उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय एकता का उद्देश्य डिजिटल ज्ञान के क्षेत्र में नजर आने वाली खाई के साथ-साथ शहरी-ग्रामीण की खाई को भी पाटना और सामाजिक-आर्थिक विषमता के सभी स्वरूपों को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि समूची प्रशासकीय प्रणाली को समाज की जरूरतों को पूरा करने में लगा दिया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने लोक सेवकों से सकारात्मक नजरिया अपनाने और अपने परिवार के साथ बेहतर समय बिताने का आग्रह करते हुए उन्हें ‘शीलम् परम् भूषणम्’ (चरित्र ही सर्वोच्च गुण है) की याद दिलाई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ऐसा न हो कि आपकी जिन्दगी कोई फाइल बनकर रह जाये।’
सुशासन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए जवाबदेही, उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता की कला की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब ‘अभाव’ को पीछे छोड़ ‘बहुलता’ की तरफ अग्रसर हो गई है, अत: सिविल सेवाओं के लिए क्षमता सृजन की जरूरत है ताकि लोगों की सेवा बेहतर ढंग से करना संभव हो सके। प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ लोक सेवकों से युवाओं को सिविल सेवाओं की तरफ आकर्षित करने और इनसे जुड़ने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया, ताकि सर्वोत्तम प्रतिभा सरकार के लिए सदैव उपलब्ध रहे।
पुस्तक का विमोचन
उन्होंने ‘गोल्डमैन-सैश रिपोर्ट’ का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि सरकार को प्रभावशाली बनाने के एशियाई औसत स्तर पर पहुंचने में भारत को एक दशक लग जायेगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो पॉलिटिकल इंटरफरेंस अवांछनीय है, लेकिन प्रजातंत्र में जन-हितेषी शासन सुनिश्चित करने के लिए पॉलिटिकल इंटरवेंशन आवश्यक है। उन्होंने लोक सेवकों से अलग-थलग रहने के बजाय एक टीम के रूप में काम करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने लोक प्रशासन में उल्लेखनीय कदमों के मद्देनजर वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 के लिए ‘लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार’ प्रदान किये। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज-टुमारो इज हियर’ पुस्तक का विमोचन भी किया।