एमबीए डिग्री धारक एक मुस्लिम युववक को यह कहते हुए मुम्बई के हरिकृष्ण एक्स्पोर्ट नामक कम्पनी ने नौकरी पर रखने से मना कर दिया क्योंकि वह मुसलमान है.
जीशान अली खान नाम के एक लड़के ने डायमंड कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन कंपनी ने उन्हें नौकरी देना से मना कर दिया.
कंपनी ने नौकरी देने से मना करते हुए बताया कि जीशान अली को इसलिए रिजेक्ट किया जा रहा है, क्योंकि वो एक मुस्लिम हैं। कंपनी ने जीशान के आवेदन के जवाब में मेल करके यह बताया है. जीशान को कंपनी द्वारा प्राप्त मेल में लिखा गया था कि ‘आवेदन करने के लिए धन्यवाद। हमें आपको बताते हुए यह अफसोस है कि हम गैर मुस्लिम लोगों को ही नौकरी पर रखते हैं.’
वहीं इस पूरे मामले पर कंपनी का कहना है कि ई-मेल एक नए कर्मचारी के द्वारा भेजा गया जो अभी प्रशिक्षण ले रहा है। कंपनी का कहना है कि वह धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती.
जीशान का कहना है कि पहले उसे लगा कि उससे मजाक किया जा रहा है. लेकिन बाद में उसे पता चला कि यह तो सचमुच कम्पनी का आफिसियल मेल है. जीशान ने कहा कि उसे यह पढ़कर काफी दुख हुआ तब उसने यह चिट्ठी फेसबुक पर डाल दी.
इस मेल के फेसबुक पर आने के बाद सोशल मीडिया में काफी बहस शुरू हो गयी. बाद में इस बात की जानकारी जब कम्पनी को हुई तो उसने इस मामले में खेद जताते हुए कहा कि कम्पनी मजहब, जाति या नस्ल के नाम पर कोई भेद नहीं करती. उसने कहा कि यह मेल एक ट्रेनी के जरिये भेजा गया.
जीशान का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी इंक्लुसिव विकास की बात करते हैं लेकिन कम्पनियां इस तरह का आचरण करती रहें तो यह कैसे संभव है. अगर मैं नालायक होता तो मुझे साफ कह दिया जाता लेकिन इस बात का अफसोस है कि मुझे इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया कि मैं मुस्लिम हूं.
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले की जांच करने को कहा है.
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