सिमेज कॉलेज पटना और नौकरशाही डॉट इन की संयुक्त रुप से आयोजित निबंध प्रतियोगिता ‘सृजन’-1 का द्वीतीय पुरस्कार नजम एजुकेशन ग्रूप , पटना के अब्दुल कादिर को दिया गया है.
इस प्रतियोगिता में कक्षा 9 से 12 तक के105 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. अब्दुल कादिर कक्षा दस के छात्र हैं. इससे पहले इस प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार स्कूल ऑफ क्रियेटिव लर्निंग के शुभम कुमार को दिया गया. इन दोनों को हमारी शुभकामना. प्रतियोगिता के तीसरे विजेता के नाम और उनका निबंध एक दिन बाद छापेंगे.
विषय– नये दौर में मां-बाप से बदलते संबंध
संपति को संजोना और धरोहर को तोड़ने की कला आज के युवा वर्ग में आ गई है। इस कारण पुराने रिश्तों का महत्व समाप्त होता जा रहा है। आज के युवा नये-नये दोस्त और रिश्ते बनाने में विश्वास रखते हैं मगर जिस रिश्ते की पूजा करनी है उनका सम्मान करना है उसे वे खत्म कर रहे हैं। युवा वर्ग बाजारू हो गया है।
जिस कारण आज मां-बाप के संबंध में बदलाव आने लगा है। युवा वर्ग हर एक सामान बाजार से खरीद ले रहे हैं मानो वह अपने को बाजार के बस में कर चुके हैं। इसी प्रकार वह रिश्ते को भी बाजार में खोजते हैं जब कि उनका एक अच्छा रिश्ता घर के कोने में पडा हुआ उनके लिए दुआ करता है, मन्नत मांगता है मगर उसकी उनको कद्र नहीं है।
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सृजन-1: निबंध प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार शुभम को
बच्चों का बाजार पर निर्भर हो जाना ही रिश्ते को कमजोर करना है। बच्चे दुनिया और बाजार में इनता व्यस्त हो गए हैं कि घर में बीमार मां बाप के लिए भी उनके पास सयम नहीं रहता और वे अपने बीमार मां बाप को बाजार के सहारे छोड जाते हैं। रूपया है पैसा है मगर अपनों के लिए समय नहीं जबकि मां बाप बच्चों से प्रेम और स्नेह के दो शब्द चाहते हैं और बच्चे उनके इस प्यार की कीमत लगा कर रूपया भेजते हैं या उन्हें उनके संसाधन पर ही छोड देते हैं. जब कि वे यह बात जानते हैं कि जो मां बाप के पास है वह उनके लिए है मगर जब सोंच ही बाजारू हो जायेगा तो भला बेटा , बेटी या बहू मां बाप का सम्मान क्या करेंगे।
हमें रिश्ते को बाजारू होने से बचाना होगा और युवा वर्ग को अपनी सोच बदलनी होगी तभी हम अपने मां बाप का सम्मान करेंगे।
आज के इस युग में देखने को मिल रहा है कि बच्चे अपने होने वाले बच्चों को मां बाप से दूर कर उन्हें बेबी केयर में रख कर पालन पोशन करते हैं और वही बच्चे जब बड हो जाते तो छात्रवास भेज दिए जाते हैं. ऐसे में भला जो बच्चा शुरू से ही बाजार के सहारे रहा वह रिश्ते को क्या जाने उसे यह उम्मीद करना की बडा हो कर वह अपने मां बाप का सम्मान करे यह सोचना ही गलत होगा।
अब्दुल कादिर, कक्षा 10
नजम एजुकेशन ग्रुप, पटना
नोट- पुरस्कारो के लिए अंतिम चयन एक टीम करती है और यह अंतिम रूप से मान्य होता है. इस मामले में कोई पत्र-व्यवहार स्वीकार नहीं किया जाता