सृजन-2 निबंध प्रतियोगिता का तीसरा पुरस्कार पटना हाई स्कूल की सायमा नाज को मिला है. इस प्रतियोगिता सीरीज  का आयोजन  सिमेज कॉलेज पटना और नौकरशाही डॉट इन ने संयुक्त रूप से कर रहे हैं.

अब तक इस प्रतियोगिता की दो कड़ी हो चुकी है. दूसरी कड़ी में प्रतिभागियों को मोबाइल फोन और छात्र जीवन पर निबंध लिखा. इन में पहला पुरस्कार प्रशांत को जबकि दूसरा पुरस्कार अमित को मिला है.

यहां प्रस्तुत है इस प्रतियोगिता में तीसरा पुरस्कार जीतने वाली पटना हाई स्कूल की छात्रा सायमा नाज का निबंध

 

मोबाइल फोन कुछ ही वर्षों में पूरे विश्‍व में छा गया है और  इसने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है. इस के माध्‍यम से हमने अधिक प्रगित हासिल कर ली है।  इसने हमारे जीवन के हरेक क्षेत्र में सफलता के झंडे लहरा दिए है.

सायमा नाज, पटना हाई स्कूल
सायमा नाज, पटना हाई स्कूल

अन्य चीजों की तरह मोबइल फोन के भी दो पक्ष है. एक अच्‍छा और दूसरा बूरा. इसके अच्‍छे पक्ष से मनुष्‍य को बहुत से लाभ मिल रहे हैं. इस फोन ने जहां हमें अपनों से एकदम नजदीक ला दिया है वहीं दूसरी ओर इसने रिश्‍ते में खटास भ पैदा कर दिया है। कम आयु के बच्‍चे मोबइल का बेवजाह  उपयोग करते हैं और इस फोन के कारण वह जाने अजाने में अपराध भी कर देते है. कई युवा तो ऐसा अपराध कर दे रहे है जिस कारण उनका जीवन तबाह हो जा रहा है।

यह भी देखें- सृजन-2: प्रथम पुरस्कार प्रशांत को

सृजन-2: दूसरा पुरस्कार अमित को

मोबाइल पर नेट के प्रयोग से हम हर एक ज्ञान को जलद से जल्‍द प्राप्‍त कर ले रहे हैं तो इस पर लगे नेट से आज के कुछ युव अश्‍लील साम्रगी की तलाश कर अश्‍लीलता फैला रहे हैं।

मोबाइल फोन प्रदुशण का भी कारण है। मोबइल के टावर से निकलने वाल तरंग से मानव जीवन को खतरा पैदा हो गया है. आज के युग में यह फोन हमारे लिए अनिवार्य बन गया है मगर  मोबाइल तरंगो से होने वाले खतरे को भी नाकारा नहीं जा सकता।

इस फोन के कारण साइबर अपराध भी हो रहा है. मोबाइल के कुप्रभाव का शिकार छात्र भी तेजी से हो रहे हैं. छात्र का हर समय मोबइल पर लगे रहने के कारण इनकी शिाक्षा पर इसका असर पर रहा है. इस फोन के कारण अनचाहे संबंध बन रहे हैं और बने संबंध खराब हो रहे हैं.

सायमा नाज

पटना हाई स्कूल, गर्दनीबाग, पटना

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427