सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसदीय स्थायी समिति को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पिछले महीने की गई सीमित सैन्य कार्रवाई के बारे में आज विस्तार से जानकारी दी। सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में गत 18 सितम्बर को सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के जवाब में की गई इस कार्रवाई के उद्देश्यों के बारे में समिति के सदस्यों को विस्तार से बताया।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बैठक का एजेन्डा बदले जाने का विरोध किया। एक सदस्य ने नाम न बताये जाने की शर्त पर कहा कि समिति को केवल वही जानकारी दी गयी जो अब तक मीडिया के जरिये सार्वजनिक की गयी है, इसके अलावा कुछ नहीं बताया गया।
सदस्य ने बताया कि लगभग 25 मिनट तक चली ब्रीफिंग को सदस्यों ने बड़े ध्यान से सुना और उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर किसी तरह का सवाल नहीं पूछा।
बैठक शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य अंबिका सोनी और मधुसूदन मिस्त्री ने अंतिम समय पर बैठक का एजेन्डा बदले जाने का मुद्दा उठाया। श्री मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक पत्र भी लिखा था। सूत्रों के अनुसार समिति के अध्यक्ष बी सी खंडूरी ने पत्र लिखे जाने की बात मानते हुए कहा कि एजेन्डा बदले जाने के मामले में उनके कार्यालय के स्तर पर कुछ संवादहीनता हो सकती है। साथ ही उन्होंने इस पर चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि जो पत्र उन्होंने लिखा था, वह समिति के पास आने से पहले मीडिया के पास पहुंच गया।