109 पूर्व IAS बोले, रूल्स में बदलाव देश की अखंडता के लिए खतरा
109 पूर्व IAS ने आईएएस रूल्स में बदलाव को संविधान विरोधी व देश की एकता-अखंडता के लिए खतरनाक बताया। यह बदलाव पटेल-आंबेडकर के खिलाफ।
ऑल इंडिया सेंट्रल सर्विसेज के पूर्व अफसरों की प्रतिष्ठित संस्था Constitutional Conduct Group (CCG) ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित आईएएस रूल्स में बदलाव का तर्कों-तथ्यों तथा देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की अवधारणा का हवाला देकर जोरदार विरोध किया है।
इन अधिकारियों ने कहा कि रूल्स में बदलाव देश की एकता अखंडता के लिए खतरनाक है। यह संघात्मक ढांचे को ध्वस्त कर देगा। प्रस्तावित बदलाव में विभिन्न राज्यों के आईएएस अधिकारियों को कभी भी केंद्र बुला सकता है। आप कल्पना करिए कि किसी प्रदेश के मुख्य सचिव को अगर केंद्र बुला ले, तो उस राज्य पर क्या असर पड़ेगा। मुख्य सचिव किसी राज्य का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, उसी पर राज्य की नीतियों, अभियानों, कार्यक्रमों को जमीन पर उतारने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है। उसे ही अचानक केंद्र बुला ले, तो यह उस अधिकारी के लिए अपमानजनक तो है ही, उससे भी बढ़कर राज्य को उसकी पटरी से उतार देना होगा।
अधिकारियों ने सरदार पटेल को बार-बांर कोट किया है।ऑल इंडिया सर्विसेज (AIS) को संविधान के मुख्य हिस्से में शामिल किया गया है। इस तरह एआईएस संविधान का हिस्सा है, न कि वह केवल कार्यपालिका का हिस्सा है। सरदार पटेल ने कहा था कि इसीलिए एआईएस को स्वतंत्र होना चाहिए और उन्हें सच्चाई के साथ खड़ा होना चाहिए। साफ है, पटेल एआईएस को किसी पार्टी, नेता के प्रति वफादार होने के बदले संविधान, देश के प्रति वफादार होने पर जोर दिया था। इसका अर्थ है कि अधिकारी संविधान को कमजोर करने की कोशिशों के खिलाफ खड़े हों।
आईएएस रूल्स में बदलाव आईएएस को संविधान के प्रति वफादार रहने के बजाय सत्ताधारी दल, नेता के प्रति वफादार होगा। द वायर ने इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की है।
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