दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी संभालते ही जी रोहिणी ने राज्मुय के ख्य सचिव द्वार एक मामले में अदालत में व्यक्तिगत पेशी के आग्रह को ठुकराते हुए कहा कि उन्हें अदालत में पेश होना ही पड़ेगा.

जस्टिस जी रोहिणी
जस्टिस जी रोहिणी

मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग की खंडपीठ ने कहा कि मुख्य सचिव को अदालत में पेश होकर यह बताना ही होगा कि आखिर क्यों उन्होंने अपनी रिपोर्ट अदालत को देने में लापरवाही बरती.

गौरतलब है कि जस्टिस रोहिणी ने सोमवार को ही दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला है. वह दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायधीश बनी हैं.

मालूम हो कि राजधानी में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कराए गए कार्यो की प्रगति रिपोर्ट दायर करने को कहा था, लेकिन यह रिपोर्ट दाय नहीं की गयी इससे से नाराज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने से इन्कार कर दिया.

खंडपीठ ने मुख्य सचिव को 23 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा है.

इधर मुख्य सचिव की ओर से संयुक्त सचिव एवी प्रेमनाथ ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर सोमवार को यह सफाई दी कि इस मामले में बनी आइआइटी दिल्ली के प्रोफेसर एके गोसांई की कमेटी ने उन्हें अपनी रिपोर्ट 11 अप्रैल को दी थी. उन्हें यह जानकारी थी कि शायद कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधे हाईकोर्ट को सौंपेगी.

मगर ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने हुई इस चूक को अंजाने में हुई गलती बताया है. पर अदालत ने उनकी दलील को अस्वीकार कर दिया.

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427