देश के प्रथम प्रधान पंडित जवाहर नेहरू की एक सौ पचीसवी जयंती के मौके पर आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश-विदेश के कई प्रमुख हस्ती शामिल हुए। सममेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि पं नेहरू की छवि को खराब किया जा रहा है। उनके खिलाफ भ्रामक व गलत प्रचार किया जा रहा है। यह देश की लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है।
श्रीमती गांधी ने कहा कि पं. नेहरू को 20वीं शताब्दी का कद्दावर नेता थे और उनका मकसद सिर्फ भारत की आजादी ही नहीं, बल्कि मानवमात्र की स्वतंत्रता और सभी देशों के सभी समाजों में शोषण की समाप्ति था। अपने इन्हीं विचारों से प. नेहरू विकासशील देशों के नायक और आजादी की उम्मीदों के वाहक बन गये थे। श्रीमती गांधी ने कहा कि पं.नेहरू की सबसे बड़ी विरासत और महान उपलब्धि भारत में लोकतंत्र की स्थापना है, जिसे आज हम यह मान कर चल रहे हैं कि हमारे कार्यकलापों से इस पर कोई असर नहीं होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना कोई भारतीयता और कोई भारत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता आदर्श से कहीं अधिक रही है और रहेगी। यह भारत जैसे वैविध्यपूर्ण देश की सख्त जरूरत है। देश को औद्योगिक एवं आर्थिक प्रगति के रास्ते पर ले जाने में पं. नेहरू के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री ने देश मे सशक्त सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बुनियाद डाली। पंडित नेहरू विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर जोर देते हुए नियोजित आर्थिक विकास और आधुनिकीकरण तथा सामाजिक सुधारों का रास्ता अख्तियार किया। इस मौके पर अतिथियों ने भी नेहरू जी के योगदान पर प्रकाश डाला।