-उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने की ‘गांधी शिल्प बाजार 2017’ में घोषणा
नौकरशाही डेस्क, पटना. 

ऑनलाइन पोर्टल पर होगी शिल्प की बिक्री
ऑनलाइन पोर्टल पर होगी शिल्प की बिक्री

तीन महीने के अंदर बिहार के कला एवं शिल्प की ऑनलाइन बिक्री होगी. बिहार में जल्द ही कला एवं शिल्प का बड़ा बाजार तैयार होगा, जिसकी तैयारी जारी है. यह बातें उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने कहीं. वे गांधी मैदान में विकास आयुक्त वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित, अंबपाली हस्तशिल्प और हस्तकरघा बहुराज्यीय सहकारी समिति द्वारा ‘गांधी शिल्प बाजार 2017’ के उद्घाटन के मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि बिहार में अन्य राज्य के कला को मिला कर काम किया जायेगा. इसके लिए अन्य राज्य के कला और शिल्प को भी शामिल किया जायेगा. विभिन्न कार्यक्रम के दौरान कला का आदान प्रदान भी होगा. वहीं, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री मंत्री राधामोहन झा ने कहा कि बिहार की कला बहुत बड़ी है. यहां और भी राज्यों की कला को स्थान दिया जा रहा है. सभी राज्यों के कलाकार यहां आयें और अपनी कला का छाप यहां छोड़ें. उन्होंने सभी कलाकारों से कहा कि आपको यहां हर तरह से मदद मिलेगी. जिला उद्योग केंद्र पटना के प्रबंधक उमेश कुमार ने भी सभी हस्त शिल्पियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक आरके मिश्रा ने दिया.
शिल्प बाजार में 150 स्टाल
आठ अप्रैल तक चलने वाले गांधी शिल्प बाजार में करीब 150 स्टॉल हैं. इसमें मैसूर, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बंगाल, उड़ीसा, काश्मीर, गुजरात के साथ बिहार के काफी कलाकार हस्तशिल्प के साथ अनेक वस्तुओं के स्टॉल लगाये हैं. बंगाल से आये विश्वनाथ दास जूट के जूते और बंड़ी का स्टॉल लगाये हैं. यहां आनेवाले अनेक लोग जूट के बने चप्पल को पहन कर ट्राय कर रहे थे. जूट के 200 रुपये में चप्पल मिल रहे हैं. इस पर 10 प्रतिशत का डिस्काउंट भी है. विश्वनाथ दास कहते हैं जूट का चप्पल और बंडी बनाने का काम मेरी पत्नी रीता दास कर रही है. मैं उनके काम में हाथ बटांता हूं. वहीं, मेले में जूट से बने बैग, सिल्क साड़ी, हस्त ने बनाया तकिया, परदे, अचार, सत्तू के साथ डिजाइनर ज्वेलरी के साथ अनेक सामग्री यहां मिल रही हैं.

By Editor