बिहार में शराबबंदी को सही मानने वाले 72% से अधिक लोगों का कहना है कि इससे अपराध घटेंगे और प्रदेश का विकास होगा।
वहीं सर्वे में 24% लोगों ने शराबबंदी के खिलाफ राय जताई। मात्र तीन फीसदी लोग अब तक अपनी राय नहीं बना पाए हैं। हिन्दुस्तान का यह ऑनलाइन सर्वेक्षण अभी जारी है।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया था कि इस फैसले से राज्य में 27% के करीब अपराध में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इसका विरोध करने वालों का कहना था कि शराबबंदी प्रभावहीन है। अपराध का अब भी वही हाल है। दावे-प्रतिदावे के बीच राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध को डेढ़ महीने हो गए हैं।
आम लोग इस पाबंदी के बारे में क्या सोचते हैं, इसके लिए हिंदुस्तान ने अपनी वेबसाइट livehindustan.com पर लोगों को तीन विकल्प उपलब्ध कराए हैं। देर शाम तक 2530 लोगों ने अपने विचार इस पर व्यक्त किए। अब तक 72.45% लोग यही सोचते हैं कि शराबबंदी से अपराध कम होंगे।
लोग बेहतर काम करेंगे और इस तरह बिहार का विकास होगा। वहीं सर्वे में 24.7% लोगों ने शराबबंदी के खिलाफ राय दी। उनके अनुसार शराब पीने वाले इस पाबंदी के बाद दूसरे विकल्पों की ओर बढ़ेंगे। इससे अपराध और बढ़ेगा। इसके अलावा इस पाबंदी से राजस्व का बड़ा नुकसान होगा।
क्या है सर्वे
– 72.45% ने कहा शराबबंदी से अपराध कम होगा, लोग काम करेंगे और विकास होगा
– 24.7% ने कहा शराबबंदी से दूसरे अपराध होंगे, राजस्व का भी नुकसान होगा
– 2.85% लोग इस पर कह नहीं सकते
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने एक अप्रैल 2016 को देसी और 5 अप्रैल 2016 को अंग्रेजी शराब पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है.