बेगूसराय कांड : अपराधी अन्य जाति, धर्म के होते तो क्या होता : RJD
बेगूसराय फायरिंग पर RJD ने BJP की क्लास लगा दी। भाजपा अपराध को जाति-धर्म से जोड़ती रही है। राजद ने कहा- सोचिए, अपराधी अन्य जाति, धर्म के होते तो क्या होता?
आज राजद ने भाजपा की जबरदस्त क्लास लगा दी। पूरी भाजपा एक खास जाति और खास धर्म को निशाने पर लेते हुए जंगल राज का आरोप मढ़ती रही है। अब जबकि बेगूसराय में अंधाधुंध फायरिंग करके 11 लोगों को घायल करने, एक की हत्या करनेवाले सभी चार अपराधी पकड़े गए हैं और सभी सांसद गिरिराज सिंह के स्वजातीय हैं, तब राजद ने भाजपा की क्लास लगाते हुए कहा कि अपराध की जाति नहीं होती। साथ ही राजद ने ह भी कहा कि जरा सोचिए, अगर इस तरह फायरिंग करनेवाले किसी दूसरी जाति या धर्म के होते, तो आज क्या माहौल होता। यही भाजपा, जो अब सन्न है, क्या-क्या कहती!
राजद ने कहा-अपराधियों का कोई जाति/धर्म नहीं होता, लेकिन गोदी मीडिया तथा गुंडों की पार्टी BJP और उसके नेता अपनी सहूलियत एवं राजनीति के हिसाब से अपराधियों की जाति/धर्म का प्रयोग करते है। कल्पना कीजिए अगर बेगूसराय अंधाधुंध फायरिंग में शामिल अपराधी दूसरे समूहों से होते तो क्या माहौल होता?? राजद का इशारा साफ है कि जो भाजपा आज सन्न है, बैकफुट पर है, अगर अपराधी दूसरे धर्म के होते तो आतंकवादी कह कर शोर मचाते। दूसरी जाति के होते, तो कहती कि देखो जंगल राज आ गया। 17 साल पहले भी ऐसा ही होता था आदि-आदि।
राजद ने यह भी कहा कि घटना के चंद घंटों में अपराधियों की गिरफ़्तारी साबित करती है कि बिहार में कानून का राज है। घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े ही साहस के साथ एक सवाल खड़ा किया था कि आखिर ये हमला पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक इलाके में ही क्यों किया गया। कहीं इसके पीछे साजिश तो नहीं। इस एंगल से भी जोच होगी। उनकी आशंका सही निकली। बेतहाशा फायरिंग के पीछे सरकार को बदनाम करना मकसद हो सकता है।
देखना है कि रेपिस्टों को मिठाई खिलानेवाले, माला पहनाने वाले, रेपिस्टों को संस्कारी ब्राह्मण बताने वाले बेगूसराय के इन खूंखार अपराधियों का किस प्रकार बचाव करते हैं। हां, सरकार ने रुख साफ कर दिया है कि कानून-सम्मत कड़ी सजा दी जाएगी।
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