डरी हुई भाजपा, पटना में विपक्षी दलों की बैठक के लिए क्या पक रहा
कर्नाटक में पराजय के बाद भाजपा डरी हुई है। राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन न कराने पर विपक्ष एकजुट। पटना में विपक्षी दलों की बैठक के लिए क्या पक रहा?
कुमार अनिल
कर्नाटक में पराजय के बाद भाजपा डरी हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव समय से पहले हो सकते हैं। राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन न कराने पर विपक्षी दल एकजुट हैं। 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। यह मामला थमने वाला नहीं है। 2024 लोकसभा चुनाव तक भाजपा का पीछा करेगा। इस बीच कई लोग कयास लगा रहे हैं कि शायद प्रधानमंत्री मोदी पीछे हट जाएं और राष्ट्रपति से ही उद्घाटन कराएं। अब सबकी नजर पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक पर है। भाजपा भी नजर रख रही है। पटना की बैठक पर दो बातों को लेकर नजर है। पहला क्या विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ किसी साझा कार्यक्रम पर सहमत होते हैं या नहीं तथा दूसरा यह कि क्या यूपी और बंगाल में खासकर यूपी में भाजपा के खिलाफ हर सीट पर विपक्ष का एक प्रत्याशी देने पर सहमति बनती है या नहीं?
अगर पटना बैठक से विपक्ष का साझा कार्यक्रम घोषित होता है और यूपी में हर सीट पर विपक्ष का एक उम्मीदवार देने पर सहमति बनती है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कद काफी बढ़ जाएगा। नीतीश कुमार की कोशिश भी इन्हीं दो बातों पर केंद्रित है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार साझा कार्यक्रम और एक सीट पर विपक्ष का एक प्रत्याशी के मसले पर एक राउंड की बातचीत हो चुकी है। अब तक की बातचीत सकारात्मक बताई जा रही है। यहां तक कि यूपी में किसी तरह के समझौते की गुंजाइश बनी हुई है।
राजनीतिक गलियारे में पटना बैठक को लेकर सकारात्मक चर्चा है। इसकी वजह कर्नाटक चुनाव का परिणाम भी है। यूपी में शहरी निकाय के चुनाव में अखिलेश यादव को झटका लगा है। मुस्लिम मत कांग्रेस तथा औवेसी की पार्टी को भी मिला है। ये उनके लिए चिंता का सबब है। यह भी चर्चा है कि अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ तालमेल के खिलाफ हैं और वे ममता, केसीआर के साथ मिल कर किसी तीसरे मोर्चे की संभावना पर भी काम कर रहे हैं। जो भी हो, यूपी में कई पेंच फंसे हैं। अखिलेश समर्थक मान रहे हैं कि कांग्रेस के पास कोई ठोस आधार नहीं है। मुस्लिम कुछ झुके दिख रहे हैं, पर अकेले वे कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। अगर अखिलेश को साथ लाने में नीतीश कामयाब होते हैं, तो यह उनकी सबसे बड़ी सफलता होगी।
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