जाति गणना पर नीतीश की जीत, भाजपा ने मारी पलटी
जाति गणना पर नीतीश की जीत, भाजपा ने मारी पलटी। पटना हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की। राजद-जदयू में खुशी। बंटी मिठाई। भाजपा ने मारी पलटी।
पटना उच्च न्यायालय ने राज्य में जाति गणना पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। इसी के साथ राज्य में जाति गणना का काम फिर से शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और जस्टिस पी सार्थी की बेंच ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। फैसला आते ही महागठबंधन के दलों में खुशी की लहर छा गई। सभी हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत कर रहे हैं। मिठाइयां बांटी जा रही हैं। वहीं भाजपा ने भी पलटी मार दी है।
जाति गणना पर काफी आना-कानी करने के बाद सबसे अंत में अपनी सहमति देने वाली भाजपा ने भी हाईकोर्ट के फैसले के बाद पलटी मार दी है। पार्टी नेता विजय सिन्हा ने कहा कि भाजपा शुरू से जाति गणना के पक्ष में रही है। वहीं भाजपा के एक प्रवक्ता दीपक राही ने टीवी चैनल नेटवर्क10 को दिए इंटरव्या में कहा कि जाति गणना से समाज में द्वेष फैलेगा। हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा के दो नेता दो तरह से बोल रहे हैं। भाजपा शुरू से दुविधा में रही है। उसके कई नेता शुरू से जाति आधारित गणना के खिलाफ रहे हैं।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जातीय गणना के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किए जाने का स्वागत किया है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जातीय गणना रोकने का षडयंत्र विफल हुआ और जातीय गणना का रास्ता प्रशस्त हुआ। जातीय गणना राज्य हित में है और यह पूरे देश में होना चाहिए।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के जातीय गणना पर दिए फैसले से न्याय व्यवस्था के प्रति आस्था बढ़ी और इस फैसले का हम सभी सर झुकाकर सम्मान करते हैं। कुछ लोगों ने अनर्थ तर्क के माध्यम से ऐसे कार्यों को रूकवाने का भरसक प्रयास किया लेकिन न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देकर जातीय गणना के प्रति सरकार की जो सोच थी कि इसके माध्यम से शिक्षा, समृद्धि, सामाजिक रूप से पिछड़ेपन को दूर करने के साथ-साथ उनकी संख्या और उनकी पहचान को मजबूत बनाना चाहती है, इस फैसले से उस पर मुहर लगी।
राजद ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी को गरीबों का दुश्मन करार देते हुए कहा कि हमारी सरकार के जाति आधारित सर्वे से प्रामाणिक, विश्वसनीय और वैज्ञानिक आँकड़े प्राप्त होंगे।इससे अतिपिछड़े,पिछड़े तथा सभी वर्गों के गरीबों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा।जातीय गणना आर्थिक न्याय की दिशा में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा।
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