हेमंत सोरेन सरकार का पहला बजट वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने पेश किया। 86,370 करोड़ रुपए के इस बजट में शिक्षा और स्वाथ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उन्होंने 8 लाख रुपए आय वाले परिवारों को मुफ्त इलाज की घोषणा की।
उधर मुख्यमंत्री हेमंत साईरन ने कहा कि हमने विकास के रथ को गरीबों के दरवाजे की तरफ मोड़ दिया है।
वित्तमंत्री ने राज्य के सभी जिलों में पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस केंद्र बनाने का ऐलान किया। साथ ही 300 बेड वाला कैंसर अस्पताल बनाने की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा- लो लोग आयुष्मान भारत याेजना में नहीं आते हैं, उनका राज्य सरकार अलग से 5 लाख रुपए का बीमा कराएगी, ऐसे में राज्य की 92 फीसदी आबादी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में आ जाएगी। राज्य में जनजातीय यूनिवर्सिटी और आवासीय स्कूल बनाने के साथ बालिका शिक्षा के लिए भी कई घोषणाएं की गईं। 50 हजार परिवारों को आजीविका से जोड़ा जाएगा। सिंचाई के लिए 300 चेक डैम पूरे किए जाएंगे।
बेरोजगारी भत्ता
सरकार ने बीए या उससे ऊपर के डिग्रधारियों को, जो नियोजन कार्यालय में अनुबंधित हैं को सालाना 5 हजार से 7 हजार देने का प्रावधान किया है. हालांकि सरकार के घोषणा पत्र में मासिक भत्ता देने की बात थी. लगता है कि अर्थव्यस्था की कमजोर स्थिति का असर इस पर भी हुआ है.
राज्य में बेघरों को आवास देने के लिए सरकार बाबा साहेब अंबेडकर योजना से 5 हजार घर बनाएगी। इस योजना में वह लोग शामिल किए जाएंगे।
मुफ्त कोचिंग
मेडिकल एग्जाम के लिए मुफ्त कोचिंग में 80 की जगह 240 विद्यार्थियों के नामांकन का प्रस्ताव। नामांकन मेरिट के आधार पर किया जाएगा। यह कोचिंग आकांक्षा योजना के तहत होगी.
Hemant Soren सरकार के पहले बजट में जारी रहेगी एक रुपये में महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा की कि सभी जिला मुख्यालयों पर एक हाईटेक स्कूल, इसमें लैब, लाइब्रेरी, डिजिटल रूम, पर्याप्त कंम्प्यूटर व विषय के मुताबिक शिक्षक उपलब्ध कराकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रस्ताव। इसके लिए 240 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित। राज्य सरकार पारा शिक्षकों की समस्याओं के समाधान एवं उन्हें नियमित मानदेय सुनिश्चित कराने के लिए 1,660.77 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव रखा गया है।
सवाल
सवाल यह है कि क्या सोरेन, रघुबर दास की छाया से बाहर निकल पाये हैं. राज्य की चरमराती अर्थव्यवस्था का बजट पर क्या प्रभाव है? दर असल इसका जवाब भी वित्तमंत्री ने देने की कोशिश की. श्वेत पत्र में इशारा किया गया है कि झारखंड की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. पिछली सरकार के कथित अनियमितता पर सवाल तो उठाये गये हैं पर सरकार ने इस पर कुछ भी साफ कहने के बजाये कहा कि समीक्षा की जा रही है.
जनजातीय यूनिवर्सिटी
राज्य में जनजातीय भाषा की समृद्धि एवं विकास के लिए जनजातीय यूनिवर्सिटी बनेगी। इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। महिला सशक्तीकरण के तहत राज्य की छात्राओं को मुफ्त में तकनीकी शिक्षा की प्राप्ति सुनिश्चित कराने के लिए आर्थिक सहायता दी जायेगी इसके लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
5 नए महोत्सव होंगे हर साल
सरकार पर्यटकों को आकर्षिक करने के लिए 5 नए महोत्सव शुरू करेगी। इसमें ईटखोरी महाेत्सव, वैद्यनाथ महोत्सव, लुगुबुरू महोत्सव, छऊ महोत्सव, रजरप्पा महोत्सव शामिल हैं।लाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा पर जाने-वाले राज्य के 8 लाख रुपए तक सालाना आय के 100 स्थानीय निवासियों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 1-1 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन उपलब्धता के लिए राज्य के इच्छुक लोगों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट्स, गाेवा के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
महिलाओं के लिए एक रुपये में रजिस्ट्री प्रक्रिया जारी रहेगी
वित्त मंत्री ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जमीन रजिस्ट्री में महिलाओं के लिए एक रुपये में रजिस्ट्री करने का जो प्रावधान है वह फिलाहल चलता रहेगा.