कर्नाटक हाई कोर्ट (HC Hijab Verdict) ने फैसला सुनाया है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा (Hijab not part of Islam) नहीं है। शिक्षण संस्थान हिजाब पर बैन लगा सकते हैं।

अदालत ने हिजाब किया बैन, देश के मुसलमानों का फूटा गुस्सा

अब हाई कोर्ट के फैसले पर देश भर के मुसलमानों में बड़े पैमाने पर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया आयी है. इस बीच झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने यहां तक कह दिया है कि अब अदालत पर भी भाजपा का साफ असर दिख रहा है. Irsfan Ansari ने कहा ” मैं अदालत के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। हालांकि, ऐसा लगता है कि भाजपा अब अदालत भी चला रही है। यह एक बुरी मिसाल कायम कर रही है।”

वहीं असदुद्दीन ओवैसी ( All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘मैं हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से असहमत हूं। फैसले से असहमत होना मेरा अधिकार है और मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता अब इस केस पर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।’


ओवैसी ने कहा कि इस फैसले से नकारात्मक असर होगा और जगह-जगह मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाएगा। संविधान में विवेक की स्वतंत्रता के तहत हमें इज़ाजत है कि अपना हिजाब भी पहनू और शिक्षा भी हासिल करूं।

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यह संविधान के अनुच्छेद 15 की अवहेलना करता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है लेकिन इसका निर्णय कौन करेगा? इसलिए हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

विरोध प्रदर्शन. परीक्षा से वॉक आउट

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार, कर्नाटक के यादगिर के सुरापुरा तालुका के केम्बावी सरकारी कॉलेज की छात्राओं परीक्षा का बहिष्कार किया और वे बाहर आ गईं. ये सभी छात्राएं कॉलेज में हिजाब पहनकर ही परीक्षा देने पहुंची थीं.

कॉलेज की प्राचार्य शकुंतला ने परीक्षा का बहिष्कार करने वाली छात्राओं से कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा. हालांकि उनकी बातों को नहीं माना गया है छात्राएं परीक्षा कक्ष से बाहर आ गईं. प्राचार्य के अनुसार करीब 35 छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार किया.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह फैसला बेहद निराशाजनक है।

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हम एक तरफ महिलाओं को सशक्त करने की बात करते हैं और दूसरी तरफ हम उनसे चुनने का अधिकार छीन रहे हैं। यह सिर्फ धर्म के बारे में नहीं है, बल्कि चुनने की स्वतंत्रता से संबंधित है। नेशनल कान्फ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि फैसले से बहुत निराश हूं। आप हिजाब के बारे में जो भी सोचते हों, बात सिर्फ एक कपड़े की नहीं है, बात एक महिला के यह चुनने के अधिकार की है कि वह क्या पहनना चाहती है।


By Editor


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