कौन हैं रिहाना, एक ट्विट ने भारत में क्यों मचाई खलबली
आज दिनभर लोग पूछते रहे कि रिहाना कौन है? भारत में चल रहे किसान आंदोलन का उसने समर्थन किया और देश में बवाल क्यों हो गया? ग्रेटा थनबर्ग ने भी सुर मिलाया।
कुमार अनिल
आज भारत के लोगों ने सबसे ज्यादा गूगल इस बात के लिए किया कि रिहाना का धर्म क्या है? उसका जन्म बारबाडोज में हुआ, अगर वह भारत में जन्मी होती, तो यहां के लोग यह भी गूगल करते कि उसकी जाति क्या है?
ट्विटर पर भारत के प्रधानमंत्री के साढ़े छह करोड़ फौलोवर्स हैं, जबकि रिहाना के 10 करोड़ से ज्यादा। रिहाना न सिर्फ दुनिया के सौ चर्चित लोगों में एक रही है, बल्कि वह लोकतंत्र, मानवाधिकार के लिए भी आवाज उठाती रही है। ट्विटर पर उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जू. का चित्र लगा रखा है। उनकी लोकप्रियता को आप इस तरह समझिए कि बारबाडोज के प्रधानमंत्री ने समारोह करके रिहाना के नाम पर एक सड़क का नाम रखा-रिहाना ड्राइव।
कंगना रनौत ने बिना नाम लिये कहा कि कुछ लोग अश्लीलता को शामिल किए बगैर अपना संगीत नहीं बेच सकते। अपना शरीर दिखाते हैं। रिहाना को मुस्लिम बताकर किसानों के पक्ष में उनके बयान को महत्वहीन साबित करने की भी कोशिश की जा रही है।
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रिहाना मुस्लिम नहीं हैं। वह ईसाई हैं। भारत के सेलिब्रेटी उन्हें अपमानित करने, छोटा दिखाने में लगे हैं। विमर्श तो इस पर होना चाहिए कि हमारे देश के सेलेब्रेटी अब तक किसान आंदोलन के पक्ष में क्यों चुप हैं? इस बीच रिहाना ने म्यांमार में सैनिक शासन के खिलाफ भी बयान दे दिया है। उधर, ग्रेटा थनबर्ग ने भी किसान आंदोलन का समर्थन कर दिया है। ग्रेटा पर्यावरण रक्षा के लिए लड़नेवाली एक्टिविस्ट है, जिसने तब के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से भी सवाल पूछे थे।
रिहाना के समर्थन के बाद दुनियाभर का ध्यान पहले से ज्यादा किसान आंदोलन की तरफ गया है। लंदन, अमेरिका के अखबारों में किसान आंदोलन पर दमन, पत्रकारों पर दमन के खिलाफ लेख लिखे जाने लगे हैं। रिहाना के कारण दुनिया भर से किसानों को समर्थन मिलने से यहां उन्हें देशद्रोही, खालिस्तानी बताना और भी मुश्कल हो जाएगा।