कौन हैं शोभा गुप्ता, जो 20 साल लड़ती रहीं बिलकिस का केस
कौन हैं शोभा गुप्ता, जो 20 साल लड़ती रहीं बिलकिस का केस। 54 वर्षीया अधिवक्ता निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक लड़ती रहीं। तीन और महिलाओं ने दी ताकत।
बिलकिस बानो ने अद्भुत संघर्ष किया है। 20 वर्षों तक संघर्ष किया। कल सुप्रीम कोर्ट ने दरीदों को फिर से जेल में डालने का आदेश दिया। वे किन मानसिक स्थितियों का सामना करती रहीं, कितना दुख और कितनी यातना झेली, इसकी कल्पना भी दूसरे लोग नहीं कर सकते। दरीदों की सजा माफ करते हुए उन्हें जेस ले रिहा करने के गुजरात सरकार के उैसले को कल सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसके बाद बिलकिस बानो ने कहा कि उन्हें पहली बार लगा कि उनके सीने से बड़ा पत्थर हटा है और वे अब सांस ले सकती हैं। उनकी इस लंबी लड़ाई के पीछे अधिवक्ता शोभा गुप्ता हैं, जो पिछले 20 वर्षों से बिलकिस का केस लड़ रही हैं, वह भी बिना फीस (pro-bono services) लिये हुए।
वर्ष 2019 में शोभा गुप्ता ने एक दुष्कर्म पीड़िता को देश में सबसे ज्यादा मुआवजा दिलाने में सफलता पाई थी। दोषी को सजा दिलाने में सफलता पाई थी। गुप्ता ने बिलकिस मामले में कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि भारत में न्याय पाने में बहुत वक्त लगता है। हालांकि हमारी न्यायपालिका सभी को न्या देने के मामले मेंबेहतर है।
शोभा गुप्ता 16 वर्षों तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अधिवक्ता भी रही हैं। एक अधिवक्ता के तौर पर वे विभिन्न मामलों में न्याय दिलाने के लिए काम करती रही हैं। ऐसे मामलों खास कर बच्चों के जुर्म के मामले में वे बिना फीस लिए काम करती रही हैं। जेल में बंद बिना वजह बंद कैदियों की रिहाई के लिए भी वे कानूनी मदद करती रही हैं।
शोभा गुप्ता के साथ ही बिलकिस बानो को न्याय दिलाने, दोषियों को फिर से सजा दिलाने के लिए तीन महिलाओं ने जनहित याचिका दायर की। कम्युनिस्ट पार्टी की पूर्व सांसद सुभाषिनी अली, लखनऊ विवि की पूर्व वाइस चांसलर रूप रेखा वर्मा और पत्रकार रेवती लाल ने पीआईएल दर्ज की थी। इसी के बाद बिलकिस को न्याय मिला। टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने भी सहयोग किया।
बिहार : 1947 दंगों के बाद गांधी आए, जहां-जहां गए वहां 24 से पदयात्रा